गणतंत्र सीखाता है दैनिक जीवन में विविधता में एकता की पहचान

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) भारत, विविधताओं वाला देश है, जो लंबे समय से विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और परंपराओं का प्रमाण रहा है। “विविधता में एकता” इसकी पहचान हैक्यों कि यह विविध पृष्ठभूमियों से आए लाखों लोगों का घर है। हालाँकि, हाल के वर्षों में, धार्मिक कट्टरता पर बहस उभरी है जो देश के सामाजिक ताने-बाने की एक निराशाजनक तस्वीर पेश करती हैं। कभी-कभार होने वाली असहमतियों के बावजूद कोई भी धर्म नफरत की वकालत नहीं करता। तारीख गवाह है कि कोई व्यक्ति और समूह धर्म का इस्तेमाल विभाजन के लिए करते हैं। जिससे सांप्रदायिक तनाव भड़क उठता है,हिंदू-मुस्लिम एकता की कई मिसालें यह दर्शाती हैं कि मानवता धार्मिक सीमाओं को पार करती है। फिर चाहे वाराणसी की हिंदू लड़की की दाह संस्कार की घटना हो या फिर कानपुर में महाशिवरात्रि के अवसर पर मुस्लिम संगठनों के द्वारा मंदिर जाने वाले शिव भक्तों को फल वितरित कर उनका स्वागत किया हो हिंदू मुस्लिम एकता की देश में ऐसी अनेकों मसले हैं जहां पीडीओं से हिंदू मुस्लिम एक दूसरे के धर्म का आदर सम्मान कर परंपराओं को निभा रहे हैं भारतीय, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, सभी धर्मों का पालन करने के अधिकार को बहुत महत्व देते हैं और इस बात पर ज़ोर देते हैं कि दूसरे धर्मों का सम्मान करना “वास्तव में भारतीय” होने के लिए ज़रूरी है। कई मामलों में, भारत में धार्मिक कट्टरता की धारणा एक भ्रांति है जब हम इसे आम दिनों की बात चीत से जोड़कर देखते हैं तो इस निष्कर्ष पर पहुंच जाता है कि असंतुष्ट अफवाहें फैलाने का कार्य करते हैं बावजूद, इसके प्रेम, सम्मान और एकजुटता के कई कार्य देश के ताने-बाने को मजबूत करते देखे गए हैं भारत की एक संस्कृति जो एक-दूसरे के प्रति सम्मान को महत्व देती है, वह किसी भी स्रोत से घृणा को बर्दाश्त नहीं कर सकती। हमें एकजुट करने वाली जबरदस्त अच्छाई को पहचानना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि अपनी खामियों को स्वीकार करना और उन्हें ठीक करना। भारत की ताकत इसकी संस्कृतियों और धर्मों का सामंजस्य है।

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