बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) निजी स्कूलों के संचालको के दबाव में सरकार ने प्रायमरी और मिडिल स्कूलों के संचालन की सर्शत मंजूरी तो दे दी पर स्कूल संचालक मन मर्जी कर पूरी क्षमता से सप्ताह भर स्कूलों का संचालन कर रहे हैं जिस पर शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों का कोई ध्यान नही है। सरकारी आदेशों के तहत स्कूलों का संचालन कोविड नियमो का पालन कर करना है, कक्षा में दर्ज संख्या के आधार पर सप्ताह में 3-3 दिन बच्चों को क्लास में बैठाकर पढाई कराना है। इस बीच कोविड नियमों के तहत मास्क सेनिटाईजर के साथ सोशल डिस्टेंस का पालन भी कराना है, पर स्कूल संचालक है कि शासन के इन आदेशों को नजर अंदाज कर कक्षा में 30-40 बच्चों को एक साथ बैठाकर अध्यन कार्य कराया जा रहा है। वह भी बिना मास्क और सोशल डिस्टेंस के क्लास में शिक्षक सहित बच्चों के द्वारा मास्क और सोशल डिस्टेंस की अनदेखी की जा रही है। स्कूल संचालक बच्चों की 3 दिन के स्थान पर पूरे सप्ताह स्कूल इस कारण बुला रहे है कि पालक फीस का भुगतान करने में कोई आनाकानी नही करे। जब कि शासन नियम और कोविड प्रोटोकाल के तहत एक कक्षा की पढाई 3-3 दिन में कराना है जहां अधिकांश स्कूल संचालक ऐसा कर रहे है, वहीं यह भी देखा गया है कि सरकारी स्कूल भी निजी की तर्ज पर चलकर सप्ताह में पूरे दिन बच्चों को एक साथ स्कूल बुलाकर कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं जो बच्चों की जान से सीधा खिलवाड है। प्रदेश से अभी कोरोना की पूरी तरहां से विदाई नही हुई है, इंदौर महू खंडवा में अब एक्टीव व संक्रमित पाऐ गए है, ऐसे में स्कूल संचालको की यह मनमर्जी भारी पड सकती है। वहीं जब बुरहानपुर जिले के खंडवा संसदीय क्षेत्र में लोकसभा के उपचुनाव की प्रक्रिया चल रही है, स्कूल संचालको की इस मनमानी को रोकने और शासन आदेशों और कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए जिला कलेक्टर और शिक्षा विभाग को इस ओर ध्यान देकर ऐसे स्कूल संचालको पर कार्यवाही करना चाहिए।