बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) शारदीय नवरात्री पर्व गुरूवार से प्रारंभ हो रहा है इस के लिए दुर्गा प्रतिमाओं की संस्थापना को लेकर तैयारीयां जोरो पर है, विश्वास और दृढ आस्था पत्थर को भी भगवान बना देती है मिटटी हो या कागज की लुगदी उसमें ईश्वर का प्रतिबिंभ नजर आने लगता है। पर्यावरण संरक्षण को श्रद्धा से जोडकर दुर्गा प्रतिमाओं को आकार देने वाली सोच अनुकर्णीय है। शहर में मिटटी से दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण स्थानीय कलाकारो के साथ बंगाल से आऐ कारिगर कर रहे है, जिस में गंगा घाट की मिटटी और रंग कर मूर्ति कलाकारो द्वारा ईको फ्रेंडली दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। मूर्ति से पर्यावरण वंधना का यह तरीका खास है। शारदीय नवरात्री दुर्गा पूजा मउत्सव के लिए बनाई जा रही मूर्तियों के निर्माण में बुरहानपुर की अनेक दुर्गा पूजा समितियों ने पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा है, मां की प्रतिमा का निर्माण गंगा घाट की मिटटी के साथ ताप्ती नदी की मिटटी से किया जा रहा है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी सामाग्री का इस में उपयोग नही किया जा रहा है। केमिकल युक्त रंगो से नदी में पानी विशाक्त होता है इस लिए रंग भी प्राकृतिक उपयोग किए जा रहे है। इस तरहां मां की प्रतिमा को पूर्ण रूप से पर्यावरण अनुकूल बनाया जा रहा है। भारतीय संस्कृति में ऐसे अवसर पर पार्थिव पूजा यानि मिटटी की प्रतिमाओं की पूजा की जाती रही है यहीं परंपरा भारतीय संस्कृति की है।