बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) इस्लाम धर्म के बानी हजरत मोहम्मद साहब के यौम ए पैदाइश पर आयोजित होने वाले आयोजन देश में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने वाले ऐसे आयोजन है जिनका उल्लेख हमें पहले ही इतिहास में देखने को मिलता है पैगंबर इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब ने अपनी तालीम में लोगों को एक दूसरे से जोड़ने और प्यार मोहब्बत कायम रखने का सबक दिया है लेकिन वर्तमान में कुछ ऐसी ताकते हैं जो आपस में भाईचारे को खत्म करना चाहती है लेकिन हिंदुस्तान का इतिहास में हम एक दूसरे से मिलकर आपसी स्वादपूर्ण वातावरण में रह रहे हैं लेकिन बावजूद इसके दरार डालने की कोशिश की जा रही है हिन्दुस्तान के बारे में भ्रामक प्रचार किया जारहा है। शब्दों का अनर्थ करके तथा गलत व्याख्या करके एक ओर तो मुसलमानों को मूर्ख बनाया जा रहा है तो दुसरी ओर हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच नफरत पैदा की जा रही है, तथा दोनों वर्गों के बीच चौदह शताब्दियों से चले आरहे भाईचारे एवं प्रेमपूर्ण संबंधों की उत्कृष्ठ परंपरा को समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। आजकल पड़ोसी देश के कुछ लोगों की ओर से इस प्रकार के ऐसे विचार से भारत में हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा प्रभावित हो रहा है तथा कुछ क्षेत्रों में अकारण नफ़रत और शत्रुता उत्पन्न हो रही है। यदि पड़ोसी देश का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया जाए और इसके सही अर्थ को समझने का प्रयास किया जाए तो आज जो लोग इस के आधार पर उत्पात और दंगों का वातसवरण बनाने का कुप्रयास कर रहे हैं वह निराधार और मिथ्या है। इसलिए कि यह भविष्यवाणी चौदह सौ वर्ष पहले ही की जाचुकी है। विगत चौदह शताब्दियों में आधी से अधिक अवधि इस प्रकार बीती है कि इस देश पर मुसलमानों का शासन था, इन्हीं चौदह शताब्दियों में इस देश पर सैकड़ों हमले भी हुए। मुसलमानों ने अपने वतनी भाईयों के साथ मिलकर उनका मुकाबला किया है हिन्दुस्तान अथवा भारतवर्ष एक बहुलतावादी समाज है, जहां विभिन्न जाति-धर्म के लोग स्वतंत्रतापूर्वक रहते हैं। इस देश का संविधान सब को समान अधिकार प्रदान करता है तथा सब के दायित्व भी एक समान हैं। आजाद हिन्दुस्तान का इतिहास साक्षी है कि इस देश की सुरक्षा, अखण्डता तथा इसके गौरव और प्रतिष्ठा के लिए सभी ने, चाहे वे हिन्दू हों या मुसलमान अथवा किसी अन्य धर्म के अनुयायी हों सभी ने बढ़-चढ़ कर बलिदान दिया है और अपने देश का नाम ऊंचा किया है। हमारा देश शांति का प्रतीक रहा है, यहां विभिन्न धर्मों और विचारधाराओं के बीच सौहार्दपूर्ण ढंग से एक साथ रहने की शानदार लम्बी परंपरा रही है। इस बात का प्रयत्न किया जाना चाहिए कि देश में शांति एवं एकता का वातावरण बना रहे।