बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते 2 वर्षों से स्कूलों में होने वाली पढ़ाई और परीक्षाओं का चक्र बिगड़ा हुआ है जिससे विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है महामारी के चलते 2020_ 21 में आंतरिक परीक्षाओं का मूल्यांकन कर विद्यार्थियों को प्रमोट कर दिया गया था अब बारी 2022 की है जहां परीक्षाओं पर फिर एक बार कोरोना का साया मंडरा रहा है और इसी को लेकर परीक्षाएं ऑफलाइन और ऑनलाइन होने की कवायद तेज होकर घमासान मचा है जनवरी के प्रथम सप्ताह से संक्रमण के बढ़ते मरीजों के सामने आने से स्कूलों को 31 जनवरी तक बंद कर दिया गया है और संक्रमण का पिक फरवरी माह के अंत तक होने का अनुमान लगाया जा रहा है ऐसे में फिर एक बार परीक्षाएं कब और कैसे हो इसको लेकर बहस छिड़ी हुई है दूसरी तरफ विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है एक राय सामने आ रही है की परीक्षाएं ऑनलाइन होने से होशियार विद्यार्थियों का नुकसान होगा जिससे उन्हें कॉन्पिटिटिव परीक्षाओं में बैठने में दिक्कत आएगी वहीं दूसरी ओर शिक्षा के जानकार ऑफलाइन परीक्षा की सिफारिश तो कर रहे हैं परंतु इसमें रिस्क अधिक होना भी बता रहे हैं क्योंकि अभी 18 आयु वर्ग के विद्यार्थियों का पूरा वैक्सीनेशन नहीं हुआ है ऐसी ही स्थिति 12 से 15 आयु वर्ग की है इस पूरे मामले पर शिक्षाविदों की अपनी अलग राय है वह भी ऑनलाइन परीक्षा के पक्ष में नहीं है अब ऐसे में शिक्षा विभाग परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति में खड़ा है जबकि परीक्षाओं का समय नजदीक आते जा रहा है वही विद्यार्थी भी परीक्षाओं को लेकर अब तक कोई मन नहीं बना पाए हैं इसी बीच ऐसी भी संभावनाएं सरकार की ओर से सामने आ रही है कि विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रख परीक्षाएं ऑनलाइन कराई जाए पर अब देखना यह है कि परीक्षाओं का ऊंट किस करवट बैठता है यह तो आने वाला समय ही तय करेगा।