बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) सरकारी दफ्तरों में रिश्वत का बोलबाला है नेता कुछ भी कहे भ्रष्टाचार मुक्त का दावा करें पर यह सारे दावे खोखले में जिसका जीवित उदाहरण बुरहानपुर के तहसीलदार का रीडर मामूली नामांतरण के नाम पर रिश्वत लेते धराया है। रीडर अशोक कुशवाहा ने नामांतरण केस में फरियादी रोहित सिंह वर्मा से 4500 रुपए की रिश्वत की मांग की थी जिसको लेकर रोहित वर्मा ने इसकी शिकायत लोकायुक्त इंदौर को की गई थी लोकायुक्त पुलिस ने मामले की जांच की तथा जिसमें शिकायत सही पाए जाने पर सोमवार को ट्रैप टीम ने तहसील कार्यालय पहुंचकर आवेदक से बाबू कुशवाहा को 3500 रुपए दिलवाए और वही मौके पर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में मामला पंजीबद्ध कर कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया बुरहानपुर तहसील कार्यालय का यह पहला मामला नहीं यहां आने वाले नामांतरण के मामले हो या अन्य सभी मामलों में संबंधित रिश्वत की मांग कर पक्षकारों को परेशान करते हैं और मजबूरी में पक्षकार नहीं चाहते हुए बाबुओं को रिश्वत देकर अपने काम करते हैं यह सब मामलों की शिकायत समय-समय पर नेताओं तक भी पहुंचती है लेकिन मामला टाय टाय फीश।