बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के द्वारा बुधवार को विधानसभा में वर्ष 2023 24 का 3 लाख 14 हजार करोड़ का वार्षिक बजट पेश किया गया इस बजट की विशेषता यह रही कि यह पूरी तरह पेपरलेस बजट रहा। इस बजट में जिन योजनाओं के लिए बजट प्रोविजन कर राशि सुरक्षित की गई है वह केवल गरीब परिवारों के लिए है इससे मध्यमवर्गीय परिवारों को निराशा ही हाथ लगी है। प्रदेश सरकार के इस बजट पर आम लोगों की राय ली गई तो अधिकांश लोगों ने इसे चुनाव से प्रभावित बजट बताते हुए कहा कि बजट में केवल गरीबों की बात की गई उन्हें ही सामने रखकर योजनाएं बनाई गई है जबकि प्रदेश में नौकरी पेशा और छोटे व्यवसाय भी है जो एक मध्यम परिवार के रूप में निवास करते हैं उनके पास कोई भी बीपीएल कार्ड नहीं है वह शासन की किसी योजना के लाभ के दायरे में नहीं आते हैं उन परिवारों के लिए सरकार ने कुछ नहीं सोचा मध्यमवर्गीय परिवार शोषित परिवार होकर रह गया है उसे शासन का मुफ्त राशन नहीं किसी योजना का लाभ नहीं केवल कोल्हू के बैल की तरह महंगाई की मार झेल करो के बोझ तले दबकर जिंदगी गुजारने को मजबूर है ऐसे परिवारों को मुख्यमंत्री भूल गए समाज अब केवल अमीर और गरीब में बट कर रह गया है केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार दोनों के पास मध्यमवर्गीय नौकरी पैशा और छोटे व्यवस्थाएं को केवल महंगाई और अनेक प्रकार के टैक्स की मार झेलना है प्रदेश सरकार के बजट सामने आने के बाद मध्यम वर्गीय परिवार कि जो पीड़ा सामने आई है उससे ग्रहणीओ के रसोई का खर्च भी बड़ा है रसोई गैस की बढ़ती कीमतें सरकार की उज्ज्वला योजना को मुंह चिढाती नजर आ रही है रसोई गैस के बढ़ते दाम उज्जवला योजना के उपभोक्ताओं के लिए अब या योजना बेकार साबित होकर सामने आ रही है प्रदेश सरकार के इस बजट से चुनाव का रंग सामने आया है।