बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) वार्षिक परीक्षा की घड़ी सामने है विभाग उत्कृष्ट परीक्षा परिणामों की उम्मीद करता है जबकि प्राइमरी और मिडिल से लेकर हायर सेकेंडरी तक की शालाओं में रेगुलर शिक्षक नहीं है यहां अतिथि शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है और विभाग उत्कृष्ट परिणामों की उम्मीद लगाए बैठा है। इसे शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही कहें या फिर राजनेताओं की निरंकुशता और निष्क्रियता जो अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर अपने क्षेत्र की स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर नहीं करा सके हैं जिले में जहां एक और सरकारी अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है वही सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं है शिक्षा विभाग से मिली एक जानकारी के अनुसार जिले में ऐसे अनेक स्कूल है जहां रेगुलर शिक्षक है ही नहीं केवल अतिथि शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है जब एक जिले में शिक्षा और स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति है तो पूरे प्रदेश का तो बुरा हाल है शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं यहां नहीं मिल रही है और नेता विकास यात्रा निकालकर राजनीति कर रहे हैं शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ ही जिले के अनेक विभाग भी कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं परंतु जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इस से मुंह मोड़ रखे हैं यहां शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों से मिली जानकारी को माने तो सरकारी स्कूलों में रेगुलर शिक्षक और प्राचार्य नहीं होकर प्रभारी प्राचार्य और अतिथि शिक्षकों के भरोसे पूरा विभाग संचालित हो रहा है जिले में उर्दू हिंदी मराठी भाषा की 37 स्कूल में संचालित है लेकिन यहां रेगुलर शिक्षक नहीं होकर प्रभारी प्राचार्य और अतिथि शिक्षक स्कूलों का संचालन कर रहे हैं जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।