बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) जिले का सरकारी अस्पताल डॉक्टर के उनके चेंबर में नहीं बैठने तथा उसको लेकर होने वाली शिकायतों से बचने के लिए अस्पताल प्रशासन ने नया फार्मूला निकाल लिया है अस्पताल के जिन चेंबर में बैठकर डॉक्टर मरीज को देखा करते थे तथा उनके चेंबर में नहीं मिलने पर मेरीज डॉक्टर का नाम पढ़कर सीधे तौर पर उनके नाम से शिकायतें करते थे अब इस स्थिति से बचने के लिए अस्पताल प्रशासन ने नेम प्लेट हटाकर उन चेंबर पर विभाग का नाम लिख दिया है जैसे हड्डी रोग विभाग सर्जिकल विभाग आदि इससे अब यह पता नहीं चल सकेगा की चेंबर में किस डॉक्टर की ड्यूटी है मेरीज देखकर वापस होंगे तथा सीधे तौर पर डॉक्टर की शिकायत नहीं होगी अस्पताल प्रशासन ने ऐसी कोई व्यवस्था लागू की है तो विभाग प्रमुख डॉक्टर का नाम भी लिखा होना चाहिए ताकि आने वाले मरीजों को मालूम हो सके की इस चेंबर में किस डॉक्टर को होना चाहिए और वह सीट पर नहीं है क्योंकि हड्डी रोग सहित अन्य विभाग में एक से अधिक डॉक्टर हैं परंतु चेंबर में बैठने की ड्यूटी किसकी है अब ऐसे में सरकारी अस्पताल पहुंचने वाले मेरीज बिना इलाज और बिना शिकायत बैरंग लौट जाएंगे अस्पताल के चेंबर पर यह व्यवस्था कब और क्यों लागू की गई इस संबंध में पूछने पर कोई जवाब नहीं दे सका इसके साथ ही 32 करोड़ के इस अस्पताल में कितने डॉक्टर पदस्थ हैं तथा कौन किस विभाग का प्रमुख तथा उसके बैठने की व्यवस्था किस चेंबर में है इसको लेकर अस्पताल में कोई डिस्प्ले बोर्ड नहीं लगा है जिससे यह पता लगा सके की यहां कौन डॉक्टर हैं उसकी ड्यूटी कहां है और कौन डॉक्टर छुट्टी और ट्रेनिंग पर है जबकि ऐसी व्यवस्था पुराने छोटे से अस्पताल में लागू थी इस व्यवस्था पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित अस्पताल अधीक्षक को ध्यान देना चाहिए ताकि यहां आने वाले मरीजों को परेशान होने से बचाया जा सके!