बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) शिक्षा विभाग कभी शिक्षकों की कमी को लेकर तो कभी विषय और भाषावार किताबों की कमी को लेकर समाचार पत्र की सुर्खियों में बना रहता है शिक्षा का आधा सत्र पूरा होने को है लेकिन अब तक सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर नहीं हुई है इसको लेकर छात्र कलेक्टर तक से गुहार लगा चुका है पर हालात जस के तस बने हुए हैं ऐसी ही स्थिति प्रदेश के उर्दू स्कूलों की बनी हुई है सत्र आधा होने को है लेकिन उर्दू माध्यम की विषयवार किताबें स्कूल शिक्षा विभाग अब तक उपलब्ध नहीं कर पाया है इसको लेकर दारूस सुरूर शिक्षा समिति जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर भव्य मित्तल को ज्ञापन देकर ध्यान आकर्षित कर चुकी है। प्रदेश में बुरहानपुर एकमात्र ऐसा जिला है जहां सबसे अधिक उर्दू माध्यम के स्कूलों में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं किताबों की कमी के साथ उर्दू शिक्षकों की कमी की समस्या भी यहां बच्चों को भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है सरकार अच्छी शिक्षा देने का दावा तो कर रही है परंतु भाषा के शिक्षक और किताबें नहीं होने से सरकार के दावे खोखले नजर आ रहे हैं सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे किसी न किसी समस्या से जूझ रहे हैं पर जिम्मेदारों का इस और ध्यान नहीं है।