बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) निगम परिषद की बैठक में हुए हंगामा के बाद कांग्रेस और भाजपा में आरोप प्रति आरोप का दौर जारी है इसी कड़ी मे कांग्रेस पूर्व प्रदेश महामंत्री अजय रघुवंशी और पार्षदों की ओर से एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर बताया गया की 28 अगस्त को परिषद की बैठक में एक रणनीति के तहत जानबूझकर हंगामा कर बैठक स्थगित कराई गई क्योंकि इस बैठक में वर्ष 2024-25 का बजट भी पारित किया जाना था जिस की प्रति पार्षदों को भी उपलब्ध कराई गई थी इसके अध्ययन के बाद कांग्रेस पार्षद दल भाजपा महापौर के करोड़ों के भ्रष्टाचार को उजागर करना था जिसकी भनक लगने से यह ड्रामा किया गया पूर्व प्रदेश महामंत्री अजय रघुवंशी ने महापौर के बजट की तृतीय और भ्रष्टाचार के मामलों को मीडिया के समक्ष उजागर कर बताया कि अपने आप को सबसे ईमानदार महापौर कहने वाली महापौर के पास वार्ड विकास को पैसा नहीं है जबकि उनकी यात्रा पर एक करोड़ से अधिक खर्च का उल्लेख प्रस्तावित बजट में बताया गया है इसी प्रकार लोकसभा विधानसभा चुनाव में निगम की ओर से 28 लाख टेंट का खर्च बताया गया है बात यही नहीं निगम ऐसे ठेकेदार से काम ले रही है जिस का टेंडर वर्ष 2019-20 में समाप्त हो चुका है इसी प्रकार फर्जी भाजपा के दुकानदारों से सफाई का सामान उपलब्ध कराने के नाम पर लाखों की हेरा फेरी की गई है परिषद की बैठक में कांग्रेस पार्षद यह भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाकर सत्ता पक्ष को घेरना चाहता था जिस से घबराकर अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सत्ता पक्ष के पार्षदों ने बात का बतंगड़ बनाकर सदन में हंगामा कर सदन की कार्यवाही को स्थगित करवाया है लेकिन कांग्रेस इन सब मामलों पर महापौर से सदन में जवाब तलब करें अगर महापौर ने जवाब नहीं दिया तो वह इस मामले को लोकायुक्त ई.ओ.डब्ल्यू और फिर हाई कोर्ट में भी गुहार लगाएंगे निगम परिषद के सम्मेलन उसमें होने वाले हंगामे को लेकर पूर्व प्रदेश महामंत्री ने पार्षदों के साथ मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी लेकिन निगम से संबंधित मामले की इस पत्रकार वार्ता से निगम में प्रतिपक्ष के उपनेता ही यहां नदारत रहे जबकि सदन में सभी मामलों को उनके द्वारा प्रमुखता के साथ उठाया जाता है इसको लेकर मीडिया मीट में पत्रकारों के बीच खुसुर फुसुर भी जारी रही।