बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) विधानसभा चुनाव में मुकाबला चतुर कोणीय होता नजर आ रहा है जिससे कांग्रेस की रहा मुश्किल हो गई है विधानसभा के लिए अल्पसंख्यक प्रत्याशी की मांग को कांग्रेस द्वारा ठुकराए जाने के बाद विरोध के स्वर उठने लगे हैं बुरहानपुर कांग्रेस के नेताओं के द्वारा प्रदेश आला कमान तक अपनी बात रखी परंतु इसे अनसुनी कर दिया गया जिसके बाद जिला कांग्रेस के महामंत्री नफीस मंशा खान ने कांग्रेस से बगावत कर मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन एएमआईएम ने स्वीकार कर उन्हें बुरहानपुर विधानसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया हालांकि मजलिस मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर चुकी थी परंतु बुरहानपुर जैसे अल्पसंख्यक क्षेत्र में कांग्रेस के द्वारा प्रत्याशी नहीं बनाए जाने को ध्यान में रख नफीस मंशा खान को टिकट देकर मैदान में उतारा है शनिवार रात्रि को उनके बुरहानपुर पहुंचने पर हजारों अल्पसंख्यकों ने उनका जोरदार स्वागत कर शक्ति प्रदर्शन किया जिससे कांग्रेस खेमे में घबराहट देखी गई है बुरहानपुर जिला कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेताओं ने उन्हें टिकट नहीं दिए जाने को लेकर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने की भी पहल की गई बावजूद इसके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया अब जबकि एआईएमआईएम ने मैदान में ताल ठोक दी है तो कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह के समक्ष मुश्किलें खड़ी हो गई है कांग्रेस का परंपरागत वोट मुस्लिम अल्पसंख्यक है जो पूरी विधानसभा में 1 लाख 20 हजार से अधिक है ऐसे में या वोट विरोध स्वरूप एआईएमआईएम में जाते दिखाई देते हैं वहीं भाजपा के लिए भी रहा आसान नहीं है यहां भी भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद स्वर्गीय नंद कुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान है भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस के सामने मैदान में है ऐसे में बुरहानपुर विधानसभा का या चुनाव चतुर कोणीय होता नजर आ रहा है जिसमें चारों प्रत्याशियों के बीच टक्कर जमकर होगी।