बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) जिले में बढ़ती कांग्रेस की गुटबाजी को विराम देने के उद्देश्य से प्रदेश नेतृत्व ने विधायक सुरेंद्र सिंह के भतीजे हर्षित सिंह ठाकुर को यह सोच कर कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया की वह शहर अध्यक्ष रिंकू टॉक की ताकत बनकर गुटों में बटी कांग्रेस् को एकजुट करेंगे लेकिन उनकी नियुक्ति के बाद जब पहला अवसर देश हित में किसी मामले को लेकर विरोध जताने का आया तो वहां केवल रिंकू टाक और उनकी टीम ही नजर आई इसमें कार्यवाहक अध्यक्ष और उनकी युवा टीम नदारद देखी गई यहां रघुवंशी गुड भी नदारद रहा तो भला फिर कांग्रेसी देशहित के किसी संवेदनशील अमानवीय कृत्य का विरोध करने के लिए भी एक साथ नहीं आ सके तो फिर मिशन 2023 का क्या होगा यहां तो सभी गुट से दावेदार हैं कांग्रेस शहर अध्यक्ष रिंकू टाक की ओर से एक दिन पूर्व से ही यह तय किया गया था कि शुक्रवार 11 बजे मणिपुर मामले पर कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा इसके बाद भी ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस का एक जुट होकर विरोध दर्ज नहीं करना कांग्रेश की ताकत को कमजोर करता दिखाई देता है निर्धारित समय पर कांग्रेस के रिंकू टाक और उन की टीम जिला कलेक्टर को उनके चेंबर में ज्ञापन देकर आनन-फानन में वहां से रवाना हो गई ना कोई विरोध दर्शाया गया ना कोई नारेबाजी जैसे कांग्रेस संगठन नहीं आम आदमी कलेक्टर को ज्ञापन देकर वापस होता है अगर अब भी कांग्रेश होश में नहीं आई तो उसका,,,,,,,?