बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद ) मुस्लिम समुदाय का रमजान माह अपनी रौनक को लेकर पूरे शबाब पर है रोजादार रोजा रख अफतार और सेहरी को लेकर उत्साहित है क्या बच्चे क्या बुडे और क्या जवान सभी रमजान के रोजे रखकर इबादत में लगे हैं 23 मार्च से शुरू हुए रमजान माह के अब तक 22 रोजे पूरे हो चुके हैं सेहरी से अफतार और तारावही की नमाज के साथ मस्जिदों में शबीनो का दौर आरंभ हो चुका है रमजान माह के चलते अफतार को लेकर बाजार भी गुलजार हैं वही शहर की बड़ी मस्जिदों में अफतार के लिए नन्हे मुन्ने बच्चे भी रोजा रख मस्जिदों में पहुंच रहे हैं इसी के चलते रमजान माह की यह रौनक का रंग दोबाला हो रहा है जहां ऐसे मौकों पर सामूहिक रोजा इफ्तार का आयोजन भी छोटे और बड़े स्तर पर किया जा रहा है जिसे सामाजिक और राजनीतिक पार्टियों के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं वैसे सामूहिक रोजा इफ्तार के आयोजन जिन्हें सामाजिक समरसता और सहिष्णुता का माध्यम माना जाता है चुनावी वर्ष होने के बावजूद नहीं हो रहे हैं जबकि पिछले दशकों में चुनावी वर्ष में सामूहिक रोजा इफ्तार राजनीतिक रूप से बड़े जोरों शोर के साथ आयोजित किया जाता रहा है परंतु वर्तमान में इसका महत्व धूमिल होता नजर आ रहा है और समाज अपने-अपने तक सीमित होकर रह गया है।