रेत माफियाओं की मोनोपोली ठेके में डाल रही बाधा

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) रेत खदानों का ठेका समाप्त हुए समय हो गया नए ठेके के लिए खनिज विभाग के द्वारा टेंडर निकाला गया लेकिन कोई भी ठेकेदार इसे भरने को आगे नहीं आ रहे हैं ठेकेदारों का ऐसा मानना है कि शासन द्वारा ठेके की राशि बहुत अधिक निर्धारित की गई है जिससे उन्हें नुकसान होगा खनिज विभाग द्वारा बुरहानपुर जिले की ग्रामीण क्षेत्रों के घाटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू तो की गई लेकिन ठेकेदारों की मोनोपोली के चलते कोई भी ठेकेदार इसे भरने को आगे नहीं आया है और अब यही ठेकेदार शासन पर दबाव बनाकर समूह में ठेका लेने तथा शासन स्तर पर घाट चालू करने का दबाव बनाकर निर्माण कार्य बंद होना तथा मजदूरों के बेरोजगार होने का बहाना बना रहे हैं दरअसल रेत को लेकर मामला ऐसा है कि अवैध खनन पर शासन प्रशासन ने कड़ा प्रतिबंध लगाकर कार्यवाही कर रहा है तथा जो खनन हो रहा है उसे महंगे दामों पर बेचा जा रहा है इस से ध्यान हटाने के लिए रेत माफियाओं के द्वारा शासन प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है पूर्व में इन्हीं घाटों का ठेका 11 करोड़ से भी अधिक का हुआ है वर्तमान में शासन ने ठेके की सरकारी राशि को कम किया है फिर भी ठेकेदार वैध रूप से ठेका लेने को आगे नहीं आ रहे हैं रेत माफियाओं को इस बात का ज्ञान है कि जब उन्हें अवैध रेत खनन करने को मिल रही है तो फिर वह ठेके लेने क्यों आगे आए मजदूरों की बेरोजगारी की आड़ में रेत माफिया प्रशासन की सख्ती से ध्यान हटाकर काली कमाई करना चाहते हैं अब ऐसे में जब स्थानीय स्तर पर कोई ठेकेदार सामने आकर टेंडर की प्रक्रिया को पूरा नहीं कर रहा है तो क्या इसमें किसी बाहरी कंपनी का पदार्पण होगा या फिर रेत सिंडिकेट कोई नया….?

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