अस्पताल घोटाले की आग में कर्मचारी झुलसने को मजबूर पांच माह से नहीं मिला वेतन

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) जिले का सरकारी अस्पताल और रोगी कल्याण समिति महा घोटाले का केंद्र बन गया है जिस की आग में रोगी कल्याण समिति के मद से रखे गए कर्मचारी झुलस रहे हैं घोटाले के चलते उन्हें पांच माह से वेतन नहीं मिला है उस पर सितम यह की अस्पताल प्रबंधन का टका सा जवाब जांच पूरी होने तक नहीं मिल सकेगा वेतन दरअसल कोरोना काल के समय रोगी कल्याण और शासन से आए विभिन्न मदों की 9 करोड़ से अधिक राशि का आर्थिक घोटाला तत्कालीन आरएमओ डॉक्टर प्रतीक नवलखे के द्वारा किया गया था जिस का भंडाफोड़ अस्पताल का कबाड़कांड से उजागर हुआ इस मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर द्वारा जांच कराने पर सामने आया कि आर एम ओ के द्वारा फर्जी तरीके से करोड़ों की राशि का आहरण कर रुपयों की बंदरबांट की गई थी जिसके बाद पूरा मामला पुलिस में देने के बाद आर एम प्रतीक नवलखे पर तीन एफ आई आर दर्ज की गई तथा इस बंदरबांट में अस्पताल के अकाउंटेंट सहित 3 मीडिया कर्मी पर भी मामला दर्ज किया गया है पुलिस अब भी इस मामले में जांच में जुटी है परंतु पुलिस की जांच की धीमी गति यहां कई सवाल खड़े कर रही है पुलिस का दावा है कि इस महा घोटाले में 60 से अधिक लोगों के शामिल होने की जांच चल रही है मगर पुलिस की धीमी गति की जांच ने रोगी कल्याण समिति मद से रखे गए कर्मचारियों के 5 माह का वेतन नहीं मिला है जिससे कर्मचारियों के परिवार के समक्ष भूखों मरने की घड़ी आ खड़ी हुई है इसको लेकर गुरुवार को अस्पताल में कर्मचारियों ने सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन कर काम बंद कर वेतन देने की मांग की है परंतु अस्पताल प्रशासन जांच पूरी होने तक वेतन नहीं देने की बात कह रहा है ऐसी स्थिति में पुलिस को अपनी जांच में तेजी लाकर दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाना चाहिए ताकि कर्मचारियों को उनका वेतन मिल सके या फिर अस्पताल प्रशासन को वेतन देने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए ताकि कर्मचारी अपने परिवार का पालन पोषण ठीक प्रकार से कर सकें।

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