संविधान दिवस पर विभिन्न संगठनो के द्वारा आयोजित किए कार्यक्रम

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) डॉ बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की दो वर्षो से अधिक समय की कडी मेहनत से रचा भारत के संविधान को 1949 में संविधान सभा ने स्वीकार कर 26 जनवरी 1950 को देश भर में लागू किया। इस संविधान के 72 वर्ष पूर्ण होने पर 26 नवंबर शुक्रवार को डॉ बाबा साहब की प्रतिमा पर राजनैतिक और समाजिक संगठनो ने उनकी प्रतिमा पर माल्यर्पण कर उन्हें नमन किया। बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया, भाजपा अनुसूचित जाती मोर्चा सहित भाजपा के नेताओं के द्वारा यहां पहुंच कर बाबा साहब को नमन किया। इस अवसर पर प्रदेश कार्य समिति के सदस्य गजेन्द्र पाटिल पूर्व महापौर अनिल भोंसले सहित सोसायटी के पदाधिकारीयों ने कहा कि बाबा साहब के संविधान के बदौलत यह देश विश्व गुरू बना है, उन्होने संविधान में हर व्यक्ति समाज और वर्ग को अभिव्यक्ति की आजादी दिलाई है। बाबा साहब के संविधान से यह देश राजशाही से लोकतंत्र बना जहां लोगों के द्वारा चुने लोगों को राज का अवसर मिला। देश की आजादी के बाद भी देश अंग्रेजो के कानून का गुलाम बना रहा। दो वर्ष तक अंग्रेजो के बनाए कानून पर काम होता रहा। 26 नवंबर 1949 को डॉ बाबा साहब के द्वारा लिखे कानून को संविधान सभा ने कानून का अंगीकरण किया तब जाकर इस देश को पूरी आजादी मिली। 26 नवंबर 1949 के इस कानून को 26 जनवरी 1950 में लागू होने पर देश सम्पूर्ण रूप से कानूनी तौर पर सम्पन्न होकर आजाद हुआ। शुक्रवार को शहर के बाबा साहब प्रतिमा सहित बस स्टेेण्ड व अन्य स्थानो पर 72वां संविधान दिवस मनाया गया और एक दूसरे को संविधान दिवस की बधाई दी गई।

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