कांग्रेश जन आंदोलन से दूर
आपसी खींचतान और ज्ञापन बाजी में उलझी

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बुरहानपुर Aqil a Azad! बढ़ती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी से परेशान आमजन विपक्ष की ओर उम्मीद लगाए बैठा है परंतु विपक्ष आपसी गुटबाजी और खींचतान में मस्त है शहर की विभिन्न समस्याओं को लेकर कांग्रेश के प्रदेश महासचिव और उनके साथी बुधवार को कलेक्टर से मिले और शहर बंद कराने का निवेदन किया तो कलेक्टर ने उन्हें सप्ताह भर का समय मांगा जिस पर वह मान गए और आंदोलन को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया तो वही गुरुवार को कांग्रेस के दूसरे गुट ने शहर अध्यक्ष रिंकू टांक के नेतृत्व में कलेक्टर से मिलने का समय मांगा कांग्रेश की इस नूरा कुश्ती से अधिकारी भी परेशान हैं। नगर निगम के द्वारा बजट में नए टैक्स लगाने की बात पर भी कांग्रेस ने दो माह पूर्व जन आंदोलन की चेतावनी दी थी परंतु संगठन में फेरबदल के चलते यह आंदोलन भी ठंडे बस्ते में चला गया संगठन में फेरबदल के बाद रिंकू टाक शहर कांग्रेस अध्यक्ष तो बने लेकिन दो माह बीतने को हैं वह भी जमीनी स्तर पर कुछ नहीं कर पाए हैं विपक्ष के नहीं होते भाजपा मनमाने ढंग से राज कर रही है शहर को इस समय जन आंदोलन की जरूरत है पर विपक्षी दल कुछ नहीं कर पा रहा है शहर की जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान है वार्ड पार्षदों के चुनाव हुए 6 माह से अधिक का समय बीत चुका है वार्ड की जनता साफ सफाई और बिजली पानी की मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है वार्डों में विकास कार्य ठप है गर्मी का मौसम दस्तक दे चुका है शहर के आधे से अधिक वार्ड जल समस्या से झुंज रहे हैं निगम की जल आवर्धन योजना जो पांच वर्ष पूर्व शुरू की गई थी वह भी अधर में है ऐसे में फिर एक बार शहर वासियों को जल संकट का डनस झेलना पड़ेगा इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं है कॉन्ग्रेस जिसे शहर की समस्याओं का एहसास तो है पर उसे हल कराने के लिए एकजुट नहीं है आपसी अना ने बैठ खींचतान में लगी हुई है अब ऐसे में कैसे जन आंदोलन संभव है।

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