उर्दू स्कूलों और उसकी समस्याओं पर नही हैं अखिल भारतीय उर्दू शिक्षा संघ का ध्यान

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) उर्दू भाषा उससे जुडी समस्याओं और उर्दू स्कूलों की दयनीय स्थिति पर शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए अखिल भारतीय उर्दू संघ का गठन और प्रदेश में उसकी ईकाइ की मौजूदगी के बाद भी जिले में उर्दू से जुडी समस्याओं पर ध्यान नही होकर यहां प्रदेश ईकाइ अनभिज्ञ है जिस के चलते उर्दू भाषी शिक्षक और उर्दू के छात्र छात्राऐं परेशान है, जिले सहित प्रदेश भर में उर्दू भाषा से शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को परीक्षा में हिन्दी भाषा में प्रश्र पत्र आना उनके लिए कठिनाई का कारण है, जिले में उर्दू स्कूलों की दयनीय स्थिति उर्दू स्कूलों में हिन्दी भाषी शिक्षको की नियुक्ति उर्दू स्कूल में छात्रावास का संचालन ऐसे मामले है जिस पर अखिल भारतीय उर्दू संघ कुच्छ नही कर अपने मूल दायत्वों से भटकता नजर आ रहा है। इस संघ की प्रदेश ईकाइ का गठन हुए एक वर्ष से अधिक का समय बीत चुका हे इस के प्रदेश अध्यक्ष का सम्बंध बुरहानपुर से है पर अब तक प्रदेश और जिला ईकाइ का ऐसा कोई उल्लेखनीय कार्य सामने नही आया है जिसे देख यह कहा जाऐ कि अखिल भारतीय उर्दू संघ की प्रदेश ईकाइ का गठन और जिला ईकाइ घोषित होने से यहां उर्दू भाषा और उर्दू जानने वालों के विकास को लेकर कोई काम हुआ है, जिले में उर्दू स्कूलों में हिन्दी भाषा के टिचर्स की नियुक्ति का मामला हो या फिर माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा बोर्ड परिक्षाओं में उर्दू भाषी विद्यार्थीयों को हिन्दी भाषा में पेपर उपलब्ध कराना या फिर उर्दू स्कूल भवनों के रख रखाव व आदि पर कोई ध्यान नही देकर प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्यवाही का नही किया जाना यह ऐसे मामले है जिन पर उम्मीद की जा रही थी के अखिल भारतीय उर्दू शिक्षक संघ के गठन के बाद इन मामलों पर काम होगा लेकिन एक वर्ष से अधिक का समय बीच जाने के बाद भी कोई कार्य जमीनी स्तर पर नही होने से उर्दू भाषी लोगों में और छात्रों में निराशा देखी जा रही हे जिस पर अखिल भारतीय उर्दू शिक्षक संघ के केन्द्रीय जिम्मेदारों सहित प्रदेश ईकाइ को इस पर ध्यान देना चाहिए।

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