बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) संविदा शिक्षक भर्ती के नाम पर 2018 में एक बड़ा घोटाले का पर्दाफ ाश हुआ मामले की जांच फि र एसआईटी का गठन पहले 9 लोगों की गिरफ्तारी और अब फिर दो फर्जी शिक्षक सब्जी बेचते गिरफ्तार हुए, पूरा मामला सिटी कोतवाली के माध्यम से अमल में लाया जा रहा है। 2018 में ही सीएसपी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन हो चुका था तब से अब तक कि उसकी जांच की रफ्तार कछुए की चाल से चल रही फिर दो फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी के बाद सामने आई है। कोतवाली पुलिस ने 3 साल से फरार चल रहे लालबाग निवासी श्रीकांत मधुकर चिमनकारें, रविंद्र वि_ल बाविस्कर को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने संविदा शिक्षक बनने के लिए हजारों रुपए फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर नियुक्ति हासिल की थी। ज्ञात हो कि व्यापम के माध्यम से पात्रता परीक्षा संविदा नियुक्ति के लिए सरकार द्वारा आयोजित कराई गई थी और यहां पर भारी भ्रष्टाचार कर फर्जी मार्कशीट तैयार कर नियुक्ति में पात्रता प्राप्त कर नौकरी हासिल करने के प्रयास में बुरहानपुर में शिक्षकों की भर्ती में यह घोटाला उजागर हुआ था। इस घोटाले के उजागर होने के बाद वर्ष 2014 से भर्ती किए गए शिक्षकों की भी दस्तावेजों की जांच में कुछ मामले सामने आने के बाद अनेक शिक्षकों की नियुक्ति भर्ती प्रक्रिया के 2 वर्ष से अधिक समय के बाद जॉइनिंग के मामले सामने आने से अनेक शिक्षक फरार हो गए थे वहीं इस पूरे मामले में नगर निगम और जिला पंचायत के द्वारा भर्ती किए गए शिक्षकों की दस्तावेजों की जांच में नियुक्ति आदेश फर्जी पाए गए जिन पर कार्रवाई भी की गई। इस पूरे मामले में एक सौ से अधिक आरोपी सामने आने का खुलासा हुआ था इसी को लेकर पुलिस की एसआईटी का गठन हुआ लेकिन जांच की रफ्तार धीमी होने से यह मामला अब भी जांच प्रक्रिया में ही है।