बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) दशहरे के बाद दोनों ही राजनीतिक दलों ने अपने प्रचार में तेजी लाई है प्रचार रथ गली मोहल्लों में घूम प्रत्याशियों को जिताने की अपील कर रहे हैं। वही प्रत्याशियों के समर्थन में पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में शिवराज सिंह और कमलनाथ खंडवा बुरहानपुर खरगोन के ग्रामीण अंचलों में पहुंच चुनावी सभाओं को संबोधित कर माहौल अपने पक्ष में करने को बल दे रहे हैं, वही छोटे.बड़े कार्यकर्ता भी अपने स्तर पर सक्रिय हो गए हैं और गली मोहल्लो में घूम कर प्रचार में लग गए है कांग्रेस की महिला ईकाइ प्रचार में जुट गई है तो भाजपा के युवा कार्यकर्ता भी वार्ड में घूमकर प्रचार कर रहे है। इसमें चिंता यह है कि दोनों ही पार्टियों को अपनों से डर भी लग रहा है कौन किसके लिए भीतरी घात कर नुकसान किसको पहुंचा कर किसका फायदा चाहता है यह तो पता नहीं क्योंकि उपचुनाव में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है कौन किस को नुकसान पहुंचा कर किसे सबक सिखाना चाहता है इसका किसी को पता नहीं। प्रत्याशी स्वयं सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपने लिए वोट की गुहार लगा रहे हैं। कांग्रेस में अरुण यादव के इंकार पर राजनारायण को मैदान में उतारा इसमें गहरी राजनीति सामने आ चुकी है वहीं भाजपा ने दो के झगड़े में तीसरे का फायदा हुआ तो एक गुट अब भी प्रमुख प्रचार की दौड़ से बाहर है जबकि इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहुत कुछ देखा गया है जिसकी सफाई भी दी गई बावजूद इसके चुनावी मैदान से अपनी टीम के साथ नदारद रहना भी शंकाओं को जन्म देता है अब ऐसे में कौन किस पर विश्वास करें कौन किसकी दोस्ती निभाएगा या फिर पार्टी के साथ वफादारी यह समय तय करेगा। फिलहाल दोनों ही दल भीतरी घात के डंस को झेलने के डर से सहमे हुए हैं।