बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) नासिक जिले के शाह पंचाले गांव में रामगिरी महाराज की अभद्र टिप्पणी पर पूरे देश ने विरोध दर्ज कराया विरोध के चलते महाराज पर दो मामले भी दर्ज हुए, मज़हब ए इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो इमानदारी धैर्य और प्रेम की शिक्षा देता है इस धर्म के बानी पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब पर अभद्र टिप्पणी कभी बर्दाश्त नहीं लेकिन विरोध में हिंसा यह कैसा विरोध जिस किसी की जान माल का नुकसान हो भारत प्रजातांत्रिक देश है कि यहां सभी को समान रूप से अधिकार है विरोध करने की पूरी आजादी है लेकिन ऐसे धर्म के बानी जिन्होंने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया उनके नाम से जोड़कर हिंसा फैलाना इस पर स्कॉलर अपने राय रखते हैं उनका कहना है कि पैगंबर इस्लाम की ऐसी शिक्षा जो दूसरों को दुख देने और नुकसान पहुंचाने की मनादी करती है उनकी शान में हुई गुस्ताखी पर हिंसा फैलाने उनकी शिक्षा के विरुद्ध है मुसलमान स्वाभाविक रूप से ऐसे व्यक्ति के विचार से नफरत करता है जो हिंसा सहित ईशानिंदा करता है हिंसा फैला कर विरोध करना स्वयं पैगंबर इस्लाम की शिक्षा के खिलाफ माना गया है अपना विरोध दर्ज करने के अनेकों रास्ते हैं न्यायालय से लेकर पुलिस में एफआईआर दर्ज करने तक ऐसे अनेक रास्ते हैं जिन पर अमल किया जा सकता है यदि हम सच्चे मुसलमान हैं और पैगंबर इस्लाम की शिक्षा पर अमल करते हैं तो उनकी शिक्षा यह है दोषी को माफ कर देना उनकी पहली शिक्षा है हमें अपने पैगंबर की शान में गुस्ताखी कभी बर्दाश्त नहीं होगी लेकिन इसका विरोध प्रजातांत्रिक तरीके से करना होगा यहां आवश्यकता यह है कि हम में से प्रति एक का कर्तव्य यह है कि हम भेदभाव के खिलाफ खड़े हो और सभी के लिए एक निष्पक्ष और सामान व्यवस्था बनाने की कोशिश करें तभी बदलाव आएगा।