शाला अभिलेखों में छेड़छाड़ जाति को काट रहे शिक्षक, आदेशों का पालन नहीं कर रहे अधिकारी

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) मंगलावर को आयोजित जनसुनवाई में AIMIM के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में तडवी उपाधि भील जाती के 100 से अधिक लोगो ने ज्ञापन सौपा है। जिले के 65 गांव में रहने वाले तड़वी उपाधि भील जाति के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने और व्यक्तिगत द्वैश रखते हुए उन्हे अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र नही जारी करके उनको मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। शासकीय प्राथमिक शाला मोहम्मद के स्कूलों में दाखिल खारिज रजिस्टर में स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की भील जाति के साथ भी छेड़छाड़ किया जा रहा है दाखिल खारिज रजिस्टर में शिक्षकों द्वारा भी लिखा हुआ अपने हाथों से कट कर दिया है। इसे यह प्रतीत होता है कि तड़वी उपाधि भील जाति समाज के लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
जबकि मध्य प्रदेश शासन ने 8 अगस्त 2001 को जारी आदेश के अनुसार स्पष्ट कहा गया है कि भील जाति के वे लोग जो अनुसूचित जनजाति के हैं उन्हें अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र इस आधार पर वंचित नहीं किया जाए कि वह अपने नाम के साथ तड़वी उपाधि का उपयोग करते हैं। फिर भी प्रशासनिक अफसर इस आदेश को मानने को तैयार नहीं है। तड़वी उपाधि भील जाति के समाज जनों ने इसे लेकर मानव अधिकार आयोग को शिकायत की थी। शिकायत के बाद कलेक्टर ने 6 फरवरी 2024 को मानव अधिकार आयोग को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा और उसमें स्पष्ट कहा है कि मुस्लिम धर्मावलंबी तड़वी समुदाय के व्यक्ति विशेष को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु सन 1950 की स्थिति में भील जाति के दस्तावेज के साथ लोक सेवा में आवेदन करने पर अगर जांच में 1950 की स्थिति में भील जाति के दस्तावेज पाए जाते हैं तो ऐसे प्रकरण में उन्हें अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं। फिर भी प्रशासनिक अफसर तडवी उपाधि भील जाति के लोगों को मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं। और उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहे हैं। AIMIM जिलाध्यक्ष जहीर उद्दीन शैख ने कहा कि जिला प्रशासन के अफसर खुद के आदेशों को ही नहीं मान रहे हैं जिससे 65 गांव में रहने वाले तडवी उपाधि भील जाती के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला अध्यक्ष ने यह आरोप भी लगाया कि तड़वी उपाधि भील जाति के लोगों की जाती बदलने का भी काम बुरहानपुर जिले में किया जा रहा है।
समाजजनों ने AIMIM के बैनर तले कलेक्टर को ज्ञापन सौप कर मांग की है कि जो शासन को प्रस्ताव बनाकर उल्लेख किया था की सन 1950 की स्तिथि में दस्तावेजों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र जारी किए जायेंगे। एसा ही एक आदेश कलेक्टर जल्द से जल्द राजस्व विभाग और शिक्षा विभाग को जारी कर 1950 की स्थिति में दस्तावेजों को जांच कर जाति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए जाएं।
ताकि समाज उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित न रह सके। ज्ञापन देने के दौरान AIMIM जिलाध्यक्ष जहीर उद्दीन शैख, असलम तड़वी, मजीद तड़वी, समीर तड़वी, दगडू तड़वी, मोहित तड़वी, शब्बीर तड़वी, दिलीप तड़वी, सहित बड़ी संख्या में समाज जन मौजूद थे।

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