बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) मुस्लिम महिला सशक्तिकरणए एक ऐसा शब्दए जो वर्तमान सरकार के ठोस प्रयासों से पहले अनसुना था। वर्तमान सरकार ने मुस्लिम महिला सशक्तिकरणएके लिए अनेक प्रयास किए यथा कई योजनाएं चलाई जा रही हैए जैसे मुस्लिम महिला ;विवाह पर अधिकारों का संरक्षणद्ध अधिनियमए 2019 का अधिनियमनए विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता हैएयह वित्तीय सहायताए बच्चों की कस्टडी अधिकार और मनमाने तलाक के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करता हैए जो लैंगिक समानता और सामाजिक समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को रेखांकित करता है। हाल के वर्षों मेंए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मुस्लिम समुदाय के भीतर महिलाओं को रणनीतिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयास किए गए हैं। इन प्रयासों में उज्ज्वला योजना जैसे परिवर्तनकारी कार्यक्रम शामिल हैंए जिसने गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों ;बड़ी संख्या में लाभार्थी अल्पसंख्यक समुदाय से हैंद्ध की 9ण्59 करोड़ से अधिक महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए। स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच से परेए इस योजना ने उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार किया है और रसोई से संबंधित बोझ को कम किया है। इसके अतिरिक्तए केंद्र सरकार की लखपति दीदी योजना का लक्ष्य विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमशीलता और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देकर दो करोड़ महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण देना है। यह पहल आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण को सक्षम करते हुएए प्रति परिवार कम से कम एक लाख रुपये की वार्षिक स्थायी आय सुनिश्चित करने का प्रयास करती है। लखपति दीदी पहल का एक बड़ा हिस्सा मुस्लिम महिला सशक्तिकरण के लिए रखा गया है। यह बहुआयामी योजनाएं नीतिगत सुधारों से कहीं अधिक हैंय यह लैंगिक समानताए आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक समावेशिता की दिशा में एक बुनियादी बदलाव का प्रतिनिधित्व करती हैं तथा मुस्लिम महिलाओं के जीवन को बेहतर बनानेए उनके अधिकारए स्वास्थ्य और आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालती हैं। और न्यायसंगत सशक्त समाज का मार्ग प्रशस्त करती है।