बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) छोटे से शहर बुरहानपुर का नाम रोशन करने वाले गुजराती समाज परिवार से जुड़े बुरहानपुर के सपूत संदीप नव लखे जो टाटा कंपनी में एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट के पद पर रहते हुए नए संसद भवन के निर्माण में टेंडर से लेकर उद्घाटन तक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर शहर का नाम रोशन किया है गुरुवार को अपने शहर बुरहानपुर पहुंचे संदीप नव लखे के गुजराती समाज की ओर से नागरिक अभिनंदन के अवसर पर यहां समाज अध्यक्ष एवं पूर्व नगर निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला एवं अधिवक्ता संतोष देवताले की मौजूदगी में मीडिया से चर्चा करते हुए श्री नव लखे ने बताया कि 11 हज़ार करोड़ की लागत से बना नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण है इस भवन के निर्माण में उपयोग होने वाली सभी सामग्री भारत देश के विभिन्न शहरों से लाकर उपयोग में लाई गई है फिर सीमिट लोहा मार्बल लकड़ी आदि सभी भारत देश के विभिन्न शहरों से लाकर उसका उपयोग किया गया है इस लिए हम गर्व के साथ यह कह सकते हैं कि नया संसद भवन पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण है और यही सपना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी रहा है इस भवन के निर्माण में विदेशी सामान का उपयोग नहीं किया गया है उन्होंने बताया कि कोविड- के संकट के समय उनकी टीम ने तीन शिफ्ट में काम करके 29 माह में इस भवन को तैयार किया गया है आधुनिक शैली के साथ एक हज़ार से अधिक सांसदों के बैठने की व्यवस्था इस भवन में होगी नए संसद भवन के निर्माण के साथ इस बात का भी पूरा ध्यान रखा गया है कि पुराने संसद भवन की गरिमा को भी कोई ठेस नहीं पहुंचे वह अब हमारी धरोहर होगी देश की आजादी के बाद से हमारे नेताओं ने यहां बैठकर कानून बनाए और 70 वर्षों तक देश का संचालन यहीं से किया गया प्रधानमंत्री जी की भी मूल भावना यही रही है की पुरानी संसद भवन की गरिमा को कोई ठेस नहीं पहुंचे उन्होंने बताया कि 29 माह के काम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी स्वयं कार्य स्थल पर पहुंचे और उन्होंने वहां काम कर रहे मजदूरों से बात की जिससे हमें नई ऊर्जा मिली और हमारा उत्साहवर्धन हुआ जिस से हम तय समय में इस काम को पूरा करने में सफल हुए।