जिला न्यायालय का ऐतिहासिक फैसलाधोखाधड़ी मामले में 17 आरोपियों को सुनाई सजा

0
90

बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद ) प्रथम अपर सत्र न्यायधीश ने 17 आरोपियों को धोखाधड़ी आपराधिक न्यास भंग तथा निक्षेप के हितों का संरक्षण अधिनियम में दोषी पाते हुए सुपर पावर इन्वेस्ट मेंट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के पति पत्नी डायरेक्टर 4 कंपनी के सदस्य आरोपियों को 16 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कंपनी के 11 अभिकर्ता आरोपियों को 11 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ अर्थदंड से दंडित किया है अदालत ने आरोपियों द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि में से 78 निवेशक उनको उनकी राशि अपील अवधि के पश्चात दिए जाने के भी आदेश दिए हैं अतिरिक्त लोक अभियोजक शांताराम वानखेडे ने बताया कि नेपानगर क्षेत्र अंतर्गत आरोपी गणों ने वर्ष 2011 से 3 जुलाई 2014 के बीच सुपर पावर इन्वेस्टमेंट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी का गठन कर उक्त कंपनी के आरोपीगण निदेशक कर्मचारी एजेंट और अधिकरता होते हुए नेपानगर क्षेत्र में रहने वाले गरीब सेवानिवृत्त और मध्यम परिवार के लोगों को कंपनी में निवेश करने पर अधिक रुपया मिलने का लालच देकर उनसे रुपया कंपनी में निवेश करवाया लेकिन समय पर रुपया वापस नहीं कर आरोपीगण ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी कर अपराधिक न्याय भंग किया जिसकी रिपोर्ट थाना नेपानगर में 4 अगस्त 2014 को दर्ज कराई गई प्रकरण में 78 निवेशक फरियादियों ने अपनी साक्षांकित कराई और आरोपीगण द्वारा धोखाधड़ी कर उनका रूपया वापस नहीं करने के संबंध में अदालत में अपनी गवाही दी प्रकरण के प्रचलन के दौरान एक आरोपी की मृत्यु हो गई अदालत ने अपने 131 पेज में अपना महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए कंपनी के डायरेक्टर आरोपी दंपत्ति दीपक एवं दिव्य कंपनी के सदस्य आरोपीओं पर धारा 420 409 120 भारतीय दंड विधान में क्रमशः 10 वर्ष एवं 3 वर्ष तथा निक्षेपण का संरक्षण अधिनियम धारा 6 में 3 वर्ष कारावास जोकि धारा की सभी सजाएं एक साथ होने के इन सभी आरोपी गणों को कुल 16 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है निवेशक फरियादियों को जुर्माना जमा होने पर अपील अवधि पश्चात रुपए दिए जाने के आदेश भी दिए हैं सुपर पावर इन्वेस्टमेंट कंपनी औरंगाबाद महाराष्ट्र के नाम से आरोपी डायरेक्टर दीपक पाठक एवं उसकी पत्नी दिव्या पाठक तथा शेष कंपनी के सदस्य ने शुरू की थी और नेपानगर क्षेत्र में लोगों से निवेश करने और अधिक रुपया वापस करने का लालच देकर रुपए जमा कराए थे अदालत ने इस मामले में निवेशकों की एक करोड़ 48 लाख 16 हजार 850 रुपए आरोपी गणों द्वारा हड़पने और अपराधिक न्याय भंग तथा धोखाधड़ी का अपराध प्रमाणित पाया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here