बुरहानपुर ( अकील ए आज़ाद ) म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानूसार विशेष नशा मुक्ति सप्ताह अंतर्गत नशा पीड़ितों को विधिक सेवायें एवं नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवायें देने हेतु नशा मुक्ति सप्ताह मनाया जा रहा है। इसी तारतम्य में प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमती आशिता श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में आशुतोष शुक्ल, जिला न्यायाधीश / सचिव एवं श्री जयदेव माणिक जिला विधिक सहायता अधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बुरहानपुर द्वारा शासकीय जीजामाता पॉंलिटेक्निक महाविद्यालय के
छात्र-छात्राओं के मध्य विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में आशुतोष शुक्ल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नशा पीड़ितों को विधिक सेवायें एवं नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवायें योजना 2015 के संबंध में एवं विभिन्न प्रकार का नशा करने से होने वाले नुकसानों के बारे में विस्तार पूर्वक आवश्यक जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि तम्बाकू के सेवन से मुंह का कैँसर, शराब के सेवन से लिवर की समस्या, बीड़ी- सिगरेट के सेवन से फेफड़े की बीमारी, अफीम-चरस के सेवन से दिमागी बिमारियां होती है। नशा एक ऐसी बुराई है जिसके सेवन से हानियां होती है। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को कहा कि यदि उन्हें अच्छे मुकाम को हासिल करना है तो नशे से दूर रहना होगा । उक्त कार्यकम में जयदेव माणिक, जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा विधिक सहायता एवं सलाह विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि ऐसा व्यक्ति जो न्यायालय में केस लड़ने के लिए वकील नहीं कर सकते यदि वे पात्र है तो उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता का लाभ मिल सकता है। नशा उन्मूलन पर आवश्यक जानकारी दी। बाल विवाह के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बाल विवाह समाज के लिए एक अभिशाप है यदि किसी के आस – पास बाल विवाह होता दिखे तो नजदीकी पुलिस थाना पर जाकर सूचित करें। कार्यक्रम में पैरालीगल वॉलेन्टियर महेन्द्र जैन ने कहा कि नशा करने से व्यक्तित का शारीरिक एवं मानसिक हास होता है। नशा चाहे कोई भी हो उसे छोड़कर की व्यक्ति अपने जीवन में आगे बढ़ सकता है। उक्त कार्यक्रम का संचालन पैरालीगल वॉलेन्टियर डॉ. अशोक गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम में शासकीय जीजा माता पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य तिल्लानी एवं अन्य प्रोफेसर व स्टॉफ सहित बड़ी संख्या में छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रही।