बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) इंटरनेट टीवी मोबाइल की दुनिया में बच्चों को किताबें पढ़ने और उसके शौक से दूर किया है जिससे शहरों में संचालित होने वाली लाइब्रेरीओं पर ताले लग गए हैं क्या बड़ा क्या बूढ़ा क्या बच्चे सभी आज इंटरनेट टीवी और मोबाइल की दुनिया में गुम हो कर रह गए हैं उस पर सितम वर्ष 2020 में आई महामारी कोविड- ने सब को एक दूसरे से जुदा कर घरों में कैद रखा ऐसे में औरंगाबाद की छठवीं कक्षा की मरियम मिर्जा को ख्याल आया कि उसके पास 300 से अधिक किताबों के भंडार से मोहल्लों के बच्चों को पढ़ाया जाए उसने अपनी किताबें गली मोहल्ले के बच्चों को बांटकर उनमें पढ़ने का शौक पैदा किया और इसी शौक़ में 2 वर्षों में 32 मोहल्ला लाइब्रेरीओं की स्थापना कर अपने इस शौक को रीड एंड लीड फाउंडेशन का नाम दिया जिसके निगरा मिर्ज़ा अब्दुल कयूम नदवी हैं इस फाउंडेशन के द्वारा पिछले 2 वर्षों में 32 मोहल्लों में बाल पुस्तकालय की स्थापना कर बच्चों में से मोबाइल की लत से दूर कर उन्हें पढ़ने के शौक से जोड़ रहे हैं और अब यह फाउंडेशन औरंगाबाद से बाहर भी बाल पुस्तकालय को खोलने की इच्छा रखता है इसी के तहत 12 मार्च को संस्था शाह नोमान शाह के तत्वधान में बुरहानपुर के 5 मदरसों में इस बाल पुस्तकालय खोलने के आयोजन में मदरसा मस्जिद सिकंदर शाही मदरसा नारियल वाली मस्जिद मदरसा सुल्तानिया मस्जिद मदरसा जामा मस्जिद असीरगढ़ के साथ ही मदरसा नूर शाह सूफ़ी में बाल लाइब्रेरी की शुरुआत के लिए एक कार्यक्रम सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल रशीद मेंबर साहब की अध्यक्षता में आयोजित किया गया जिसमें इस फाउंडेशन के अध्यक्ष पुस्तक प्रेमी सामाजिक कार्यकर्ता मिर्जा अब्दुल कयूम नदवी उपस्थित रहे वही जलगांव इकरा एजुकेशन सोसाइटी के अब्दुल करीम सालार भी विशेष रुप से इस कार्यक्रम में मौजूद रहे इस शुरुआत के लिए उन्होंने जिम्मेदारों को बधाई दी और फाउंडेशन की प्रशंसा करते हुए बताया कि यह फाउंडेशन पिछले 2 वर्षों में शहर औरंगाबाद के 32 मोहल्लों के 8700 से अधिक बच्चों को बाल पुस्तकालय से जोड़कर उन्हें किताबें पढ़ने और मोबाइल टीवी इंटरनेट से दूर रहने की सीख दे रहा है जो वर्तमान में बहुत आवश्यक है मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में सभी को एक दूसरे से दूर कर लाइब्रेरीओं को सुनसान कर दिया है।