यह कैसी जांच जिस विभाग पर लापरवाही के लगे आरोप उसी ने की जांच

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) दो दिन पूर्व जिला अस्पताल में एक महिला के प्रसव के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसके परिजनों से रुपयों की मांग नहीं देने पर उसे खंडवा रेफर करने तथा खंडवा से इंदौर रेफर करने पर रास्ते में प्रसूता की मौत के बाद 3 बजे मामले पर अपर कलेक्टर सुरेंद्र सिंह सोलंकी के द्वारा पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही का आश्वासन लेकिन जांच भी उसी विभाग के प्रमुख से कराना कहां तक उचित है दरअसल प्रसूता की मौत उसके इलाज में लापरवाही परिजनों से डॉक्टर और नर्स के द्वारा रुपयों की मांग जैसे गंभीर मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन के द्वारा जांच कराकर पूरे मामले को रफा-दफा करना कहा का न्याय है इस मामले में शनिवार को सिविल सर्जन डॉ मनोज कुमार मोसेज कि जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें सिविल सर्जन ने सभी आरोपियों को नकार अपने अधीनस्थ डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को साफ तौर से बचाकर पूरा मामला परिजनों की लापरवाही और देरी पर मठ दिया है। जबकि इस रिपोर्ट के बाद जानकार डॉक्टरों का मत है कि डिलीवरी के बाद प्रसूता के पेट से प्लाज्मा की सफाई आवश्यक है जो नहीं की गई इस बात की पुष्टि इस बात से भी होती है कि नर्स सफाई के नाम पर परिजनों से रुपए की मांग कर रहे थे यह बात दो दिन पूर्व जिला अस्पताल में हंगामे के बीच भी परिजनों तथा वार्ड की अन्य महिलाओं के द्वारा सामने आई थी बावजूद इस लापरवाही पर कार्यवाही करने के स्थान पर सिविल सर्जन सच्चाई को छुपाते हुए अपने अधीनस्थों को बचाकर जांच रिपोर्ट पेश की गई है। जानकार डॉक्टरों का मत है कि इस मामले की जांच किसी अन्य विभाग के उच्च अधिकारी से कराया जाना चाहिए ताकि सच सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके।

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