करोड़ों  के घोटाले के लिए सरकारी विभाग बने भ्रष्टाचार का अड्डा प्रशासन की पकड़ ढीली

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) सरकारी विभागों में योजनाओं और अनेक मदों में लाखों करोड़ों की राशि का आवंटन होता है जिसे विभाग खर्च करते हैं परंतु इन विभागों में बैठे शातिर अफसर कर्मी अपनी चतुराई दिखाकर इस राशि में भ्रष्टाचार कर लाखों-करोड़ों की हेराफेरी कर अपनी जेब गर्म करते हैं ऐसा ही एक मामला आदिम जाति विभाग का सामने आया है जिसमें लेखापाल के द्वारा सरकारी राशि में हेराफेरी कर कोई दस करोड़ का घोटाला सामने आया है वर्ष 2010 से 2017 के बीच यहां दस करोड़ को चूना लगाया गया लंबी जांच और हाईकोर्ट के एक निर्देश के बाद लालबाग पुलिस ने तत्कालीन लेखापाल नारायण पाटील पर 420 का मुकदमा दर्ज कर लिया है मामला दर्ज होने की सूचना मिलते ही लेखापाल के फरार होने की जानकारी मिल रही है इस मामले में पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार ने मीडिया को जानकारी में बताया कि कलेक्टर से जांच प्रतिवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर विभाग से दस्तावेज जप्त करने की कार्यवाही की जा रही है तथा कार्यालय के एक कमरे को सील कर दिया गया है आदिम जाति कल्याण विभाग ने बैंक खातों को बंद करने के आदेश के बाद भी उस खाते में राशि डालकर उसकी हेराफेरी की है सरकारी विभागों में राशि की हेराफेरी और घोटालों का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पूर्व भी अस्पताल के कबाड़ कांट सहित कोरोना काल में सरकारी राशि की बंदरबांट सहित अनेक मामले सामने आ चुके हैं जिससे यह स्पष्ट होता है कि शासन-प्रशासन की पकड़ ढीली हुई है यहां ऑडिट से लेकर स्वीकृति तक के जिम्मेदार शामिल है इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि पुलिस अधीक्षक ने संकेत दिए हैं कि आदिम जाति कल्याण विभाग के दस करोड़ के घोटाले में अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्यवाही हो सकती है ।

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