गर्मी शबाब पर पारा 43 पार सूखते जल स्त्रोत बढता जल संकट

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) गर्मी पूरे शबाब पर है पारा 43 डिग्री को पार कर चुका है जल स्त्रोत सूखते जा रहे है जिस के चलते जिले भर में पेय जल सहित सिंचाई को लेकर किसान चिंता में है उस पर भारी बिजली कटोती कोरोना संक्रमण के दो वर्षो में ताप्ती नदी सहित उसकी सहयोगी नदीयों पर बोरी बंधान नही होने नदी का पानी व्यर्थ बह गया। संक्रमण के चनले जिम्मेदार विभाग इस ओर ध्यान नही दे पाऐ जिस के चलते भू जल स्तर एक हजार फिट तक पहुंच गया है, भू जल भरण पर कोई ध्यान नही देने का नतीजा है कि जल संकट गहराता जा रहा है उस पर सूर्य देव भी अपनी पूरी तपन से धरती को गरम कर रखा है, शहर के मध्य से होकर बहने वाली मां ताप्ती के पाट फरवरी माह से ही सुकड चुके है यहां भी बोरी बंधान नही हुआ है जिस के चलते नदी किनारे के जल स्त्रोत भी दम तोड रहे है अभी मई और जून बाकी है अप्रेल के मध्य में ही जल संकट ने भारी दस्तक दी है। जिला कलेक्टर जिले को पहले ही जल आभाव ग्रस्त जिला घोषित कर चुके है बावजूद इस के चोरी छिपे अब भी निजी खनन के कार्य जारी है जहां एक ओर शहरी क्षेत्र में जल संकट गहरा गया है। शहर के आधे से अधिक वार्डो में वर्षो से गहरा जल संकट है वहां स्थिति और भी खराब है। नगर निगम की जल आर्वधन योजना शहर वासीयों के लिए एक सपना बन कर रह गई है लगभग इस योजना में तीन वर्ष से अधिक की देरी हो चुकी है और अब भी कार्य अधूरा है ऐसे में शहर वासीयों को पुराने परंपरागत कुंए और टयूबवेल पर ही आधारित होना पड रहा है, जिम्मेदार विभाग इस योजना को पूरा कराने में कोई रूचि नही दिखा रहे है जिस से आम जन परेशान है।

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