चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात सर्वेक्षण के समाप्त होने के साथ बिगडी सफाई व्यवस्था

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में नंबर पाने की होड में निगम अफसरों और कर्मचारीयों की फौज ने खूब महनत की परिणाम क्या होंगे कुच्छ पता नही नंबर पाने की होड में जहां कर्मचारीयों और अफसरों की फौज ने खूब ताकत झोंक कर लाखों खर्च भी किए गए लेकिन सर्वे टीम के वापस जाते ही शहर फिर पुराने ढहर्रे पर लौट आया है सडको से लेकर गलीयों तक फिर सफाई की व्यवस्था बिगड चुकी है जगहा जगहा कचरे के ढेर नालीयों की सफाई नही कचरा डिपो पर कचरे का अंबार जिस से लोग परेशान है, निगम के पास भरपूर सफाई का अमला और संसाधन है फिर अब शहर की र्दुदशा क्युं बिगड रही है, अफसर कर्मचारी सब मौजूद है तो फिर यह हालत क्युं—? इस पर अधिकारीयों को ध्यान देने की अवश्यक्ता है, नए और पुराने निगम आयुक्त की पदस्थापना को लेकर लडाई कोर्ट में लंबित है, इसी चक्कर में नवागत आयुक्त अपने काम पर ध्यान नही दे पा रहे है, आयुक्त की पदस्थापना का झगडा राजनैतिक है लेकिन इस का खामयाजा शहर की जनता को भुगतना है, जहां एसके सिंह की सेवानिवृत्ति को दो माह का समय रहने से वह अब स्थानांतरण नही चाहते वहीं नवागत आयुक्त मेहता की सेवा निवृत्ति भी कुच्छ इतनी ही बाकी है लेकिन विभाग के कडे निर्देशों के तहत उन्हें गवालवार से वहां आकर चार्ज संभालना पडा अब दो अधिकारीयों की आपसी खींचतान निगम के काम काज को प्रभावित कर रही है ऐसे में निगम की प्रशासनिक व्यवस्था भगवान भरोसे ही दिख रही है।

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