बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) लोकसभा चुनाव 2024 का चुनाव आयोग के द्वारा बिगुल बजा दिया गया है देश पूरी तरह आम चुनाव के मोड पर है देशभर की राजनीतिक पार्टियों चुनाव में अपनी बिछात बिछाने की तैयारी में है सत्ताधारी दल भाजपा इसमें सबसे आगे है जबकि इसकी प्रतित्वंदी पार्टी कांग्रेस अभी बहुत पीछे है इसी कड़ी में खंडवा लोकसभा के प्रभारी कैलाश कुंडल ने बुरहानपुर पहुंचकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की बैठक एक निजी होटल में आहूत की जिसमें फिर चुनिंदा चेहरे ही नजर आए कांग्रेस के वह प्रमुख चेहरे जो विधानसभा चुनाव के समय सच्चे कांग्रेसी बनकर सामने आए थे वह चेहरे फिर इस बैठक से नदारत दिखे लोकसभा का चुनाव है संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को अपनी पकड़ मजबूत करना है परंतु अब तक कांग्रेस प्रत्याशी का चयन नहीं भला ऐसे में कांग्रेस किस प्रकार मजबूत होगी अब कांग्रेस का वह दौर नहीं जब किसी को भी टिकट मिले जीत होगी समय बदल चुका है कांग्रेस की लड़ाई भाजपा के साथ वैचारिक ही नहीं सांप्रदायिक लड़ाई भी है देश में आज जिस प्रकार धर्म जाति और सांप्रदायिकवाद का माहौल है उससे भी मुकाबला है लेकिन कांग्रेस की इस बैठक में फिर चुनिंदा चेहरे ही नजर आए कांग्रेस की पूरी टीम ने इस बैठक से दूरी बनाई जबकि विधानसभा चुनाव के बाद से तो अब केवल कांग्रेसी ही है कांग्रेस की गुटबाजी करने वाले नेता बाहर है फिर कांग्रेस की बैठक से आम कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता क्यों दूर है क्या अब भी कांग्रेस में गुटबाजी हावी है अगर नहीं तो फिर वह प्रथम पंक्ति के नेता कहां है उनके समर्थक कहां है क्यों प्रभारी की बैठक में फिर चुनिंदा चेहरे ही नजर आए क्या इन मु_ी भर कांग्रेसी कांग्रेस को जीता लेंगे अगर ऐसा नहीं तो फिर कांग्रेस के छोटे.बड़े नेता कार्यकर्ता अभी क्यों दूर है क्या जिला अध्यक्ष और शहर अध्यक्ष उन्हें जोडऩे में असक्षम है कांग्रेस अब तक खंडवा से कौन उम्मीदवार होगा यह क्यों तय नहीं कर पाई इस पर तुरंत विचार कर उसे मैदान में उतरना होगा तब कांग्रेस बीजेपी का मुकाबला कर पाएगी।