केंद्र सरकार की याचिका के विरोध में मुट्ठी भर जुटे कांग्रेसी

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) चुनावी फंडिंग उजागर नहीं हो इस के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने याचिका दायर की जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया दरअसल कांग्रेस शासन काल में सूचना का अधिकार अधिनियम लागू किया गया था इसके माध्यम से जानकारी हासिल की जाती है चुनावी फंडिंग इस कानून के माध्यम से सार्वजनिक नहीं हो इसकी रोक के लिए याचिका दायर की गई परंतु कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया इसी को लेकर कांग्रेस सूचना के अधिकार अधिनियम से आमजन को जागरूक करने और केंद्र सरकार की याचिका का विरोध करने के उद्देश्य से देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही है इसी कड़ी में बुरहानपुर में भी विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित कर कांग्रेस के सभी प्रकोष्ठ सहित युवक कांग्रेस व अन्य कांग्रेस के पदाधिकारी को शामिल होने को कहा गया था परंतु कमल तिराह स्थित विरोध प्रदर्शन स्थल पर मु_ी भर कांग्रेसी ही जुटे विधानसभा चुनाव में प्रथम पंक्ति के कांग्रेस नेताओं सहित कांग्रेस जिला अध्यक्ष व अन्य प्रकोष्ठ के पदाधिकारी व अन्य नेताओं ने इस आंदोलन से दूरी बनाए रखी इस विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में मुख्य रूप से युवक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष उबैद उल्लाह पार्षद अजय उदासीन महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता राजेश भगत फिरोज बेग व कुछ ही कांग्रेसी नजर आए अन्य पदाधिकारी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन से दूरी बनाई रखी इस आयोजन में आम जन को सूचना के अधिकार के लिए जागरूक भी किया गया इस अवसर पर युवक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष उबैद उल्लाह ने कहा कि चुनाव फंडिंग की जानकारी सार्वजनिक नहीं हो इसके लिए केंद्र सरकार ने कोर्ट में यह याचिका लगाई है भाजपा की केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में ऐसी याचिका लगाकर आरटीआई कानून का उल्लंघन किया है कांग्रेस के इस आंदोलन में कांग्रेसियों की अउपस्थिति उनकी आपसी फूट को फिर एक बार उजागर करती नजर आ रही है विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद भी कांग्रेस नेता कोई सबक नहीं ले रहे हैं जबकि अगले माह लोकसभा चुनाव के लिए फिर मैदान पकडना है ऐसे में भला कांग्रेस किस प्रकार चुनाव में भाजपा का मुकाबला करें यह विचारणीय प्रश्न है।

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