नए कानून के विरोध में ड्रायवरों की देशव्यापी हड़ताल थमेगें वाहनों के चक्के

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) केंद्र की भाजपा सरकार के द्वारा सड़क हादसों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से मोटल व्हीकल एक्ट में संशोधन कर नया कानून बनाया गया है जिसके तहत एक्सीडेंट होने की सूरत में ड्राइवर को 10 वर्षों की सजा और 7 लाख रूपये से दंडित किया जाएगा। नए वर्ष से इस कानून के अमल में आने से देश भर के ड्राइवर इसे काला कानून मानकर इसका विरोध करते हुए 1 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं जिस से देश भर के चार पहिया वाहन छोटे.बड़े सभी के चक्के थम जाएंगे इस कानून के विरोध में बुरहानपुर में भी सारथी ड्राइवर संगठन के द्वारा एक ज्ञापन पुलिस अधीक्षक को देकर अपना विरोध दर्ज कराया है दरअसल सरकार एक्सीडेंट के मामले में ड्राइवर को ही दोषी मानती है जिसको लेकर यह नया कानून लाया गया है सरकार का मानना है कि किसी एक्सीडेंट के लिए ड्राइवर जिम्मेदार है लेकिन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन किसी भी एक्सीडेंट के लिए केवल ड्राइवर जिम्मेदार है इससे इंकार करती है तथा सड़क हादसों के लिए रोड इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहरती है। ऑल इंडिया ट्रक एसोसिएशन का ऐसा मानना है कि इन हादसों के लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार है क्योंकि सरकार के द्वारा ऐसे रहवासी क्षेत्रों में हाईवे और फोरलेन के निर्माण किए गए लेकिन यहां आमजन की रोक पर कोई पाबंदी नहीं है जिसके चलते बड़े सड़क हादसों के लिए ड्राइवर को जिम्मेदार मानकर यह काला कानून बनाया गया है इसके बाद भी सड़क हादसो को रोक पाना मुश्किल है सरकार अगर सड़क हादसों पर लगाम लगाना चाहती है तो पहले अपने सड़क इंजीनियरिंग में सुधार करें यह काला कानून ड्राइवर को अपनी नौकरी छोडऩे पर मजबूर कर रहा है अगर ऐसा ही रहा तो देश भर में आर्थिक संकट के साथ आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई पर असर पड़ेगा साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ेगी इसलिए सरकार को इस काले कानून को वापस लेकर सड़क इंजीनियरिंग पर अधिक ध्यान देना चाहिए। 1 जनवरी से होने वाले चार पहिया वाहनों की हड़ताल से बस ट्रक टैक्सी ऑटो टेम्पो सभी नदारत होंगे ऐसे में लोगों की फजीहत हो जाएगी साथ ही आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई भी प्रभावित होगी इसलिए आवश्यक है कि सरकार को नए कानून पर नजऱ सानी करनी चाहिए।

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