बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) खंडवा संसदीय क्षेत्र के सांसद स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के असमायक निधन के चलते यह उपचुनाव होने जा रहा है जिस का बिगुल बज चुका है। मंगलवार को चुनाव आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए संसदीय क्षेत्र में आचार संहिता को लागू कर दिया है। तय कार्यक्रम के अनुसार नाम निर्देशन पत्र भरने के लिए 1 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होकर 8 अक्टूबर तक पर्चा नामजदगी दाखिल किए जा सकेगे। तथा 30 अक्टूबर शनिवार को खंडवा संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में वोट डाले जाऐगे। तथा 2 नवंबर मंगलवार को मतो की गिनती होकर परिणाम की घोषणा की जाऐगी। इस सम्बंध में जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह एंव पुलिस अधिक्षक राहुल कुमार लोढा संयुक्त रूप से पत्रकारो को जानकारी देते हुए बताया कि खंडवा संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभाओं में से बुरहानपुर विधानसभा 303762 मतदाता तथा नेपानगर विधानसभा के 245163 मतदाता ऐसे कुल बुरहानपुर जिले के 548925 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग 813 मतदान केन्द्रो के मध्यम से करेगे। इस के लिए सभी अवश्यक तैयारीयां कर ली गई है। कोविड के चलते प्रतिबंधो के तहत जिला कलेक्टर ने बताया कि प्रत्याशी बन्दहाल में पांच सौ से अधिक लोगों की सभा नही ले सकेंगे। वहीं खुले मैदान में स्टार प्रचारको की सभा में एक हजार से अधिक लोगों की भीड जुट सकेगी। कार्नर मीटिंग तथा डोर टू डोर पचास लोगों से अधिक शामिल नही हो सकेगे। इस का पालन नही करने वाले प्रत्याशी को भविष्य में किसी भी प्रकार की अनुमति नही दी जाऐगी। ऐसे निर्देश चुनाव आयोग ने जारी किए है। इस के साथ ही चुनाव लडने वाले प्रत्याशी कोई रोड शो नही कर सकेगे। साथ ही बाईक रैली पर भी प्रतिबंध होगा। जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह ने मीडिया को जानकारी में बताया की आचार संहिता लागू होने के साथ ही सम्पत्ती विरूपण अधिनियम के तहत भी कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। सभी सार्वजनिक स्थानो पर लगे राजनैतिक पार्टीयों के बोर्ड होर्डिंग आदि को हटाने का काम जारी है। यहां हम आपको बता दें की खंडवा संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा क्षेत्रों के 19 लाख से अधिक मतदाता 30 अक्टूबर को अपने मताधिकार का उपयोग कर वोट डालेंगे। चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनैतिक पार्टीयोंं में भी हल चल तेज हो गई है। चुनाव लडने के इच्छुक प्रत्याशी सक्रीय होकर अपने आकाओं के माध्यम से पार्टी हाई कमान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। परंतु खंडवा संसदीय क्षेत्र का यह उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस में प्रत्याशी चयन ओर उसको सफलता का रास्ता बहुत कठीन दिखाई दे रहा है यह समय तय करेगा की टिकिट किस को मिलेगा और सफलता किस को। वैसे यह उपचुनाव कांग्रेस विरूद्ध म.प्र. शासन अधिक होगा।