एक नजर इधर भीकाले ताज को कब मिलेगा पहुंच मार्ग

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बुरहानपुर ( अकील ए आज़ाद) प्रदेश की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में जिले के सर्वाधिक ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के प्राचीन स्थल हैं जो पहुंच मार्ग से वंचित हैं इन स्थलों को पर्यटन विभाग ने भी गोद ले रखा है शासन के शासकीय कैलेंडर की शोभा भी यह स्मारक बन चुका है अनेक बार प्रशासनिक अधिकारी इस स्मारक तक पहुंच मार्ग के प्रस्ताव भी बना चुके हैं लेकिन फिर मामला टाय टाय फिश पहलवान शाह का मकबरा जिसे काला ताज के नाम से जाना पहचाना जाता है पर्यटन विभाग की सूची में शामिल है लेकिन इसके पहुंच मार्ग को लेकर राजनेता जनप्रतिनिधि और अधिकारी केवल बात करते हैं परंतु अमल करने के नाम पर केवल आश्वासन ही सामने आए हैं प्रदेश की सबसे बड़ी एमा गिर्द ग्राम पंचायत में रोकडिया हनुमान मंदिर काला ताज तोता मैना आदिलशाह नादिरशाह के स्मारक जहां पर्यटकों को पहुंचने के लिए मार्ग ही नहीं है इन स्मारकों को पर्यटन की सूची में माना जाता है केवल रोकडिया हनुमान मंदिर को छोड़ अन्य किसी स्मारक तक कच्चा पक्का कोई भी रोड नहीं है आजाद नगर चौराहा से हजरत शाह भिकारी उतावली नदी तक के रोड का निर्माण लंबी जद्दोजहद के बाद शुरू हुआ है जिसकी स्वीकृति में पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस का हाथ रहा है क्या पूर्व मंत्री की नजर काला ताज तक नहीं पहुंच सकी है उनके मंत्री रहते भी यहां रोड निर्माण की बात की जाती रही लेकिन यह सपना अब तक अधूरा है सपनों का बुरहानपुर मेरे अपनों का बुरहानपुर कहने वाली दीदी की नजर अब तक यहां नहीं पहुंची है जिले के महत्वपूर्ण स्मारकों में से यहां एक महत्वपूर्ण स्मारक है जहां रोड का निर्माण करने के सपने 3 दशक से अधिक समय से शासन और प्रशासन दिखा रहा है लेकिन यह सपना अब भी अधूरा है इस सपने को मूर्त रूप देने के लिए यहां के सरपंच को ग्राम पंचायत के माध्यम से जिला सरकार की नजर में लाना चाहिए ताकि रोड निर्माण को लेकर कोई कार्यवाही की जा सके

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