दरवाजा तोड़ साथियों को छुड़ा ले गए आदिवासी अतिक्रमणकारियों का जंगल राज सरकार बेबस

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) सरकार की वोट बैंक की राजनीति के चलते वन अतिक्रमणकारियों पर प्रभावी कार्यवाही नहीं होने का परिणाम है कि आदिवासी अफसर कर्मियों को मार हथियार लूटने वनों की कटाई करने और अब वन ऑफिस से साथियों को बलपूर्वक छुड़ा ले जाने जैसे मामले भी सामने आने लगे हैं लेकिन सरकार वनों को नाश करने वाले अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही नहीं कर रही है जिससे उनके हौसले बुलंद है। गुरुवार को ऐसे ही एक मामले में ग्राम ठाठर बडली की नर्सरी को नष्ट करते दो महिला और दो पुरुष को वन अमले ने पकड़ उनको रेणुका वन डिपो लाकर पूछताछ कर रहे थे तभी वन डिपो पर 30 से अधिक आदिवासियों ने वहां हमला बोल दिया अफसर कर्मियों के साथ जमकर मारपीट की और अपने चार साथियों को कमरे का दरवाजा तोड़ उन्हें वहां से छुड़ाकर ले गए यह घटना गुरुवार रात्रि 8 बजे के लगभग की है। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई पुलिस की तत्परता से 35 से अधिक आदिवासी जिस मैं 14 महिलाएं और 21 पुरुष को जंगल की ओर भागते समय धर दबोच लालबाग थाने ले आए जहां उन पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर कार्यवाही की गई। जिले के नेपानगर वन परिक्षेत्र में आदिवासी के द्वारा जंगल काटने हथियार लूटने और अफसर कर्मियों के साथ मारपीट का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है लेकिन भाजपा सरकार और उसके वन मंत्री उल जलूल बयान बाजी कर उनके हौसले बढ़ा रहे हैं लेकिन कार्यवाही केवल नाम मात्र की अब तो हद या हो गई कि गुरुवार को वन डिपो पर हमला कर वहां से अपने चार साथियों को छुड़ा ले जाना प्रशासन के मुंह पर तमाचा है अगर अब भी कठोर कार्यवाही नहीं की गई तो आने वाले समय में नेपा वन परीक्षेत्र नक्सलवाद को जन्म देगा।

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