सरकार के नशा मुक्ति अभियान में आबकारी नीति अटकाऐगी रोड़ा

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) गांधी जयंती के अवसर पर सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग के द्वारा बीड़ा उठाकर नशा मुक्ति अभियान प्रदेश भर में चलाया जाएगा इस अभियान को सफल बनाने के लिए नशे की लत में डूबे तथा नशा छोड़ उससे मुक्ति पाने वालों के विचार साझा किए जाएंगे तथा इस अभियान को सफल बनाने में विभिन्न संगठनों का साथ लेने की बात की गई है तथा जागरूकता के लिए स्कूल कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर नशा मुक्ति के लिए जागरूकता फैलाई जाएगी। किसी भी घर परिवार की बर्बादी में नशे का बड़ा योगदान होता है नशा चाहे शराब का हो या फिर अन्य किसी और चीज का मध्यप्रदेश में सर्वाधिक नशा खोर शराब के आदी मिलेंगे यहां प्रदेश में शराब की लत से सैकड़ों परिवार उजड़े हैं जिसको लेकर समय-समय पर महिलाओं के आंदोलन ग्राम से लेकर शहर तक के सामने आए हैं। जिसमें महिलाओं ने ग्राम की शराब दुकानें बंद करने की मांग की है प्रदेश सरकार के इस नशा मुक्ति अभियान में यह ही सबसे बड़ा रोड़ा है क्योंकि प्रदेश सरकार की आबकारी नीति में ग्राम ग्राम शहर शहर नई शराब की दुकानें खोलकर नशा करने वालों को सुविधा उपलब्ध कराई है । सरकार की इस आबकारी नीति का समय-समय पर विरोध भी हुआ लेकिन यह दुकाने बंद नहीं हुई प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग हो या फिर स्कूल कॉलेज और धार्मिक स्थल और अस्पताल सभी के निकट नई शराब नीति के तहत दुकानें खोली गई है जहां से वैध और अवैध दोनों तरीके से शराब बेचकर ग्रामीणों को शराब का आदी बनाया जा रहा है भला ऐसे में प्रदेश सरकार का नशा मुक्ति अभियान कैसे सफल होगा ठेकेदार लाइसेंसी के साथ आबकारी विभाग के जिम्मेदारों की मिलीभगत से ग्रामों में चाय पान की टपरी पर आसानी से शराब उपलब्ध है तो फिर नशे से मुक्ति कैसे मिल सकती है मध्यप्रदेश में सर्वाधिक नक्शा शराब से किया जाता है तो फिर यह अभियान कैसे सफल होगा इस पर सरकार को स्वयं मंथन करना चाहिए।

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