पारंपारिक खेती से हटकर मसाला खेती का जिले में होगा उपयोग

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) गेहूं चना सोयाबीन केला कपास जिले की पारंपारिक खेती है इसके साथ अब किसानों की आए दुगनी करने के उद्देश्य से मसालों की खेती के लिए किसानों को तैयार करने के लिए यहां दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गोविंद जी वाला ऑडिटोरियम में 13 से 14 मार्च को किया गया जिसमें देश भर से आए कृषि वैज्ञानिकों ने अपना उद्बोधन देकर किसानों को मसाला खेती की फसल लेने और अधिक लाभ कमाने का गुण बताया इस कार्यक्रम की सूत्रधार पूर्व मंत्री भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अर्चना चिटनिस की विविध खेती के सपनों को साकार करने वाली इस कार्यशाला का वर्चुअल उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा किया गया था जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केले के साथ मसालों में भी बुरहानपुर का नाम उजागर करें ऐसे कामना की जिले में होने वाली पारंपारिक खेती में मुनाफा कम होने जोखिम अधिक होने के साथ इन फसलों में सिंचाई अधिक होने से पानी की अधिक खपत होने के चलते विविध खेती की ओर ध्यान दिया गया है जिले में अब तक मसाला खेती के नाम पर प्यार धनिया हल्दी की खेती जिले में की जा रही है जिससे किसानों को कम समय में अधिक लाभ मिलने के साथ जोखिम भी कम हुआ है विविध खेती की इस अवधारणा को साकार करने के लिए देशभर के वैज्ञानिकों को यहां बुला कर उनके व्याख्यान के माध्यम से किसानों को प्रेरित करने की पहल पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस के द्वारा की जा रही है खेती में बदलाव लाने के उद्देश्य से किसान भी इसमें रूचि लेकर विधा को सीख नए प्रयोग करने को तैयार है इस दो दिवसीय कार्यशाला में जिले भर के किसानों के साथ ही मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्र के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल पूर्व महापौर अनिल भोसले भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज दुबे जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह सहित अन्य भाजपा नेताओं ने भाग लिया इस दो दिवसीय कार्यशाला का समापन 14 मार्च को किया गया।

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