जीएसटी की नई दरें लागू होने से बढेगी कर चोरी व्यापार व्यवसाय ठप होकर फैलेगी बेरोजगारी

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) जीएसटी कौंसिल के द्वारा कपडे पर जीएसटी की दर पांच फीसद से बढाकर बारह फीसद करने के प्रस्ताव को लेकर देश भर के कपडा बाजार से विरोध के स्वर उठकर सामने आने लगे है। विरोध स्वरूप देश के कपडा बाजार और उससे जुडे युनटि एक दिन के बंद के अव्हान पर गुरूवार को पूरा कपडा कारोबार बंद रहा जिस से करोडो का नुकसान हुआ है, कपडा उद्योग और व्यवसाय से जुडे लोग कपडे पर पांच फिसद से बारह फिसद जीएसटी लागू होने पर कपडा बहुत अधिक महंगा होगा जिस से बेरोजगारी बढने के साथ कर चोरी भी बढेगी। कपडे पर 5 के स्थान पर 12 फिसद जीएसटी लगने से बुरहानपुर का भी कपडा बाजार और यहां का व्यवसाई प्रभावित हुआ है। बुरहानपुर सूती कपडो के बुनने का एक बडा सेंटर है, यहां का तैयार किया कपडा पूरे देश में सप्लाय होता है, जन्म से लेकर मरण तक की क्वालिटी का कपडा यहां चालीस हजार पावरलूम करखों के माध्यम से प्रतिदिन 3 लाख मीटर कपडा तैयार किया जाता है। हजारों परिवार इस उद्योग और व्यवसाय से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुटे है, यदि केन्द्र द्वारा कपडे पर 12 फिसद जीएसटी लागू किया गया तो सर्वाधिक असर इस का बुरहानपुर की कपडा मंडी पर पडेगा। इस खतरे को देखते हुए गुरूवार को बुरहानपुर को 200 से अधिक टेक्स टाईल यार्न एसोसिएशन बुनकर संघ व अन्य ने एक ज्ञापन राष्ट्रपति, वित्तमंत्री के नाम सम्बोधित एसडीएम को देकर विरोध दर्ज कराते हुए जीएसटी काउनसिलस से मांग की है कि कपडे पर जीएसटी की दर नही बढाकर उसे यथावत रखा जाऐ तो यहां के कपडा उद्योग को जीवन दान मिलेगा अन्यथा यहां का कपडा उद्योग बंद होने की कगार पर पहुंच जाऐगा जिस से क्षेत्र में बेरोजगारी फैलेगी जहां इस व्यवस्था से जुडी संस्थाओं का मानना है कि बेरोजगारी फैलेगी वहीं जीएसटी में कर की चोरी भी बढेगी ऐसी स्थिति में अवश्यक है कि सरकार कपडे पर जीएसटी बढाने के प्रस्ताव को वापस लेकर इस उद्योग को फलने फूलने का अवसर प्रदान करे।

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