आरक्षण की राजनीति के बीच पंचायत चुनाव अधर मैं सरकार और आयोग के बीच अटकलों का बाजार गर्म

0
280

बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ ही यह त्रिस्तरीय चुनाव पर आरक्षण का गहन भी लग गया है भाजपा कांग्रेश की आरक्षण की राजनीति ने चुनाव प्रक्रिया के बीच अनेक बदलाव भी सामने आए हैं लेकिन अब तक कुछ साफ नहीं हो सका है। पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता लागू होने से कर्मचारियों सहित अनेक कार्य प्रभावित हो रहे हैं पहले सरकार का कोर्ट के हवाले से मत सामने आया कि आरक्षित सीटों को छोड़ सामान्य सीटों पर चुनाव होंगे जिसके तहत प्रदेश भर में सामान्य सीटों को लेकर नाम निर्देशन पत्र के साथ एक तरफा प्रत्याशियों के निर्विरोध जीत के आंकड़े भी सामने आने लगे हैं। पर सदन में सरकार ने संकल्प पारित कर आरक्षण के साथ चुनाव कराने की बात सामने आकर पूरे मामले को फिर एक बार उलझा दिया है। सरकार सर्वोच्च न्यायालय की शरण में जाने की बात कर रही है तो इसी बीच फिर एक बार चुनाव आयोग का महत्वपूर्ण निर्णय सामने आया है कि सामान्य सीटों पर चुनाव तो होंगे लेकिन परिणाम घोषित नहीं होंगे। सरकार और आयोग के बीच की चकल्लस में कुछ भी साफ नहीं होने से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार और मतदाता दोनों असमंजस की स्थिति में है। उस पर सर्वोच्च न्यायालय की ओर से आने वाला फैसला इस चुनाव पर तलवार बनकर लटक रहा है। ऐसा भी माना जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के संभावित फैसले में पूरी चुनाव प्रक्रिया को भी निरस्त किया जा सकता है सरकार और चुनाव आयोग के बीच की आपसी चकल्लस में सभी को अचरज में डाल रखा है। उस पर सोने पर सुहागा की संक्रमण के नए वेरिएंट ओमी क्रोन के प्रदेश में बढ़ते खतरे और सरकार के रात्रिकालीन कर्फ्यू जैसे कठोर निर्णय के साथ गतिविधियों की नई गाइडलाइन ने सभी को चमका दिया है नई गाइडलाइन के तहत चुनाव जैसी प्रक्रिया में प्रोटोकॉल पालन की उम्मीद नहीं की जा सकती अब जबकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण की प्रक्रिया आधे से अधिक आगे बड़ चुकी है ऐसे में सरकार और चुनाव आयोग के बीच की आपसी चिकल्लस और पटरी नहीं बैठने की स्थिति क्या गुल खिलाएगी यह तो समय तय करेगा उस पर सर्वोच्च न्यालय के फैसले सर आंखों पर हैं। लेकिन इस सब के बीच राजनैतिक जानकरों का मानना है कि आरक्षण की राजनीति के मामले को सुलझाने के लिए उचित यह होगा कि पंचायत चुनाव की पूरी प्रक्रिया को कोर्ट निरस्त कर पुन्हा विधि अनुसार चुनाव कराने के आदेश दे यह सभी के लिए उचित होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here