बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) शहर की बढ़ती आबादी के साथ श्वानो की आबादी तेजी के साथ बढी है, इस पर नगर निगम अंकुश लगाने में विफल है। शहर के गली मोहल्लों चौराहा पर कुत्तों के झुंड लोगों में दहशत पैदा कर रहे हैं, स्कूल जाने वाले बच्चों की बड़ी फजीहत है गली के मोड नुक्कड़ हो या बाजार सभी स्थानों पर यह झुंड खुले आम देखे जा सकते हैं। नगर निगम अनेक बार उनकी नसबंदी कराने की बात कह चुका है परंतु इस पर अमल नहीं हो रहा है, शहर में कुत्ते काटने के मरीजों का आंकड़ा देखें तो वह चौंकाने वाले हैं वर्ष 2024 की ही बात करें तो अस्पताल के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2024 तक लगभग 2 हजार लोगों को कुत्तों ने अपना शिकार बनाया है जिसमें बच्चे बुढे जवान महिलाएं सभी शामिल है। शहर में घूमने वाले आवारा श्वान अकेले बच्चों बूढो को अपना निशाना बना कर उन्हें घायल कर रहे हैं, समय समय पर इसको लेकर सामाजिक संस्थाओं ने भी आवाज उठाई लेकिन नगर निगम शहर की इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है, जिस से आए दिन शहरवासी इनके काटने का शिकार बन रहे हैं। शहर में आवारा श्वानो की जनसंख्या को रोकने के लिए उनकी नसबंदी की जाना आवश्यक है जिस पर नगर निगम को ध्यान देने की आवश्यकता है।