बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) मुस्लिम अल्पसंख्यकों की मादरी जबान उर्दू के साथ शिक्षा विभाग का सौतेला व्यवहार थमने का नाम नहीं ले रहा है पहले उर्दू माध्यम की किताबों का अभाव परीक्षा में पेपर हिंदी में और अब पदनाम के बहाने उर्दू स्कूलों में हिंदी भाषी शिक्षकों की पोस्टिंग से उर्दू माध्यम से पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का भविष्य दाव पर है अनेक शिकायतों के बाद भी जमीनी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं जिससे परेशान होकर छात्र-छात्राओं ने मोर्चा खोल दिया है इसी के चलते उर्दू कन्या शाला हरीरपुरा की छात्राओं ने पहले कलेक्टर फिर जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय को घेर कर जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन देकर चेतावनी दी है कि यदि उनकी स्कूल से 3 दिन के भीतर हिंदी भाषी शिक्षकों को हटाकर उर्दू माध्यम के शिक्षकों की पोस्टिंग नहीं की गई तो वह स्कूल में तालाबंदी कर किसी भी शिक्षक को स्कूल में घुसने नहीं देंगे जिला शिक्षा अधिकारी ने छात्राओं की मांग पर उन्हें आश्वस्त किया है कि वह हिंदी माध्यम के शिक्षकों को हटाकर उर्दू माध्यम के शिक्षकों की पोस्टिंग करेंगे सरकार का उर्दू के साथ सौतेला व्यवहार होने से मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी और उर्दू राबता कमेटी ने भी जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर ध्यान आकर्षित करते हुए मांग की है कि छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखकर उर्दू माध्यम की स्कूलों से हिंदी माध्यम के शिक्षकों को हटाया जाए ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।