बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) सावन माह के अंतिम सोमवार को रक्षा बंधन पर्व के होने से इसी बहुत ही शुभ माना गया है, लेकिन सोमवार को रक्षा बंधन के इस पर्व पर खगोलीया स्थिति के चलते भ्रदा का साया होने से धार्मिक माननेताओं को ध्यान में रखकर दोपहर के बाद रक्षा सूत्र बांधने का महुरत होगा बहने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर जहां अपनी सुरक्षा का वचन भाई से लेती है, वहीं भाईयों की दीर्घआयु समद्धि की कामना करती है, भाई बहन के प्यार स्नेह का यह पर्व सोमवार को पूरे उत्साह के साथ मनाने की तैयारी बहनो के द्वारा की गई है, जिस को लेकर बाजार में राखी की खरीदारी अपने पूरे शबाब पर है, वहीं भाई भी अपनी बहनो को इस पर्व पर तोहफे देने के लिए खरीदारी में व्यस्थ है, भाई बहन के प्यार और स्नेह के इस पर्व को मनाने से पहले खगोलीय संयोग का ध्यान भी आवश्यक है, पंडित इस को लेकर अलग अलग समय में राखी बांधने के संयोग बता रहे है, बुरहानपुर के बाजार में जहां सूरत बंबई इंदौर की रंगबिरंगी राखीयां बाजार में उपलब्ध है वहीं बुरहानपुर के केले के रेशे से बनी आकर्षक राखीयां बहनों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है जो अन्य राखीयों के मुकाबले ज्यादा आकर्षित और सस्ती है, बुरहानपुर केला पैदा करने वाला शहर है यहां का केला उत्पादक किसान केले के बाद उसके पत्ते से निकलने वाले रेशे से राखी के उत्पादन से अपनी आय को भी दो गुनी कर रहा है केले के रेशे से बनी राखीयां ज्यादा आकर्षित दिखाई देती है।