बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) तीन दशक पूर्व कांग्रेस की राजनीति में अच्छा दबदबा रखने वाले ठाकुर राजनारायण सिंह 2021 की युवा पीडी में अपनी पहचान बना पाऐंगे यह मुद्दा उनके अधिकृत प्रत्याशी घोषित होने के बाद चर्चाओं में है। 1985 से 2003 तक खंडवा जिले की मानधाता निमाडखेडी से कांग्रेस के तीन बार विधायक रहने वाले मोतीलाल बोरा, कमलनाथ और दिगविजय सिंह के चेहते विधायक रहे लेकिन 2003 के बाद सक्रीय राजनीति से दूर रहने के चलते उन्हें आज का युवा मतदाता कैसे पहचान कर उन्हें वोट करेगा यह मसला भी युवा पीडी के सामने खडा हो गया है। दरअसल मामला यह है कि कांग्रेस की आपसी खींचतान और गुटबाजी के चलते सर्वे के नाम पर एक ऐसे प्रत्याशी को उम्मीदवार बनाया गया है जो पिछले 18 वर्षो से सक्रिय राजनीति से दूर है। ऐसे में अब कांग्रेस में वह दम नही के प्रत्याशी कोई हो पार्टी के नाम पर वोट मिले वोट के लिए पार्टी के साथ प्रत्याशी का सक्रीय राजनीति में होना भी जरूरी है, परंतु कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का सर्वे में ऐसे व्यक्ति को नंबर 1 बताया गया है जो सक्रीय राजनीति से दूर हैं, उसे टिकिट देकर भाजपा के सामने उतारना पिछले दरवाजे से भाजपा को वॉक ओवर देने के समान लगता है। कम समय और प्रत्याशीयों के चहते कार्यकर्ताओं की टीम के आभाव में लोकसभा चुनाव को फेस करना ठीक वैसा ही है जैसे सूखी नदी में नाव चलाने के समान है। वर्तमान में कांगे्रस के पास जो कार्यकर्ता है वह अरूण यादव समर्थक अधिक है जब कि राजनारायण सिंह राजनैतिक तौर पर अरूण विरोधी गुट के माने जाते है। ऐसे में नए कार्यकर्ताओं की टीम और उन पर विश्वास करना मुश्किल है जहां तक ठाकुर राजनारायण सिंह की राजनीति का सम्बंध है वह उनकी विधानसभा तक ही सीमित है ऐसे में लोकसभा की आठ विधानसभाओं में अपनी व्यक्तिगत पहुंच के साथ पकड बनाना तथा आठ विधानसभा के हजारों गांव तक इतने कम समय में पहुंच पाना पहाड मालूम होता है फिर भी उन्होने कांग्रेस के र्निणय को स्वीकार कर चुनाव लडने का मन बनाया है तो वह बधाई के पात्र है, इस चुनाव में महंगाई किसानो की समस्या और बेरोजगारी कांग्रेस प्रत्याशी राजनारायण सिंह का मुख्य मुद्दा होगा जिस पर फोकस कर राजनारायण सिंह जनता के बीच पहुंच कर अपने लिए वोट मांग कर भाजपा को आडे हाथो लेंगे।