वर्षा की कमी से अन्नदाता चिंतित खेतों में खड़ी फसल नष्ट होने की कगार पर

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) जून के अंतिम सप्ताह से शुरू हुआ वर्षा का दौरा जुलाई अगस्त तक औसत वर्षा का 70% से अधिक कोटा पूरा कर गया परंतु अगस्त के दूसरे पखवाड़े से बंद हुई वर्षा ने अन्नदाता की मेहनत पर सवाल खड़े कर दिए हैं अचानक बंद हुई वर्षा से खेतों में खड़ी कपास सोयाबीन तुवर व अन्य फसलों के सूखने का खतरा मंडराने लगा है जिससे किसान चिंतित है और वर्षा का बेसब्री से इंतजार कर रहा है अचानक बंद हुई वर्षा ने तापमान में भी भारी वृद्धि कर दी है वर्षा के मौसम में गर्मी और उमस का एहसास हो रहा है पारा 35 डिग्री को पार करने को है इसी प्रकार रात के तापमान में भी भारी वृद्धि से आमजन परेशान है वर्षा को लेकर मौसम विभाग भी खामोश है वही खेतों में खड़ी फसल को किस प्रकार सुरक्षित किया जाए इसको लेकर कृषि विभाग भी मौन है खेतों में फासले तैयार होने की कगार पर है और अब बारिश है कि होने का नाम नहीं ले रही है ऐसे में अन्नदाता की पूरी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है कम वर्षा जहां फसलों के लिए हानिकारक है वही भूजल स्तर को भी प्रभावित करेगी अन्नदाता अपने खेतों में खड़ी फसलों को देखकर सीजन की शेष वर्षा जल्द हो इसको लेकर मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में विशेष प्रार्थना सभाएं भी आरंभ हो चुकी है परंतु मेघदूत बरसाने को तैयार नहीं जबकि अभी बारिश समाप्त होने को एक माह से भी अधिक का समय बाकि है अभी ऐसे नखत्तर बाकी है जिन में अच्छी वर्षा होती है परंतु मौसम के वह निखत्तर भी सुखे बीत जा रहे हैं खेतों में खड़ी फसलों को अभी वर्षा की भारी जरूरत है परंतु मेक दूध अभी रूठे हुए हैं जिन्हें मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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