बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा में उम्मीदवारों को लेकर पहली सूची सामने आ चुकी है जिस में भाजपा ने हारे हुए प्रत्याशियों को भी स्थान दिया है जिस से प्रदेश की भाजपा प्रवक्ता और पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस को अपनी उम्मीदवारी को लेकर बल मिला है लेकिन एन वक्त पर उनके विरोधियों ने विश्रामपुर गुड्डी शक्कर कारखाने के निर्माण के मामले को हाई कोर्ट के माध्यम से सामने लाकर प्रदेश प्रवक्ता को परेशानी में डाल दिया है दरअसल कोई दो दशक पहले नेपानगर विधायक रहते उनके द्वारा ईश्वम शक्कर कारखाना खोलने के नाम से क्षेत्र के किसानों सहित विश्रामपुर गुड़ी खंडवा बुरहानपुर और इंदौर कृषि मंडियों से कोई सात करोड़ रुपये से अधिक की राशि निर्माण के लिए ली गई थी परंतु दो दशक बीत जाने के बाद भी जब शकर कारखाने का कोई अता पता नहीं तो ऐसे में विरोधियों के द्वारा इसे उछाल कर मीडिया में कोर्ट के माध्यम से लाया गया इस कारखाने के निर्माण को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता बालचंद शिंदे की याचिका पर हाई कोर्ट जबलपुर ने संज्ञान लेकर सात करोड से अधिक की राशि के गबन होने की शंका की याचिका पर सरकार से जवाब मांग कर लोक आयुक्त को इस मामले में जांच के निर्देश दिए हैं अब ऐसे में जब भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस अपनी उम्मीदवारी बुरहानपुर विधानसभा से तय किए जाने की कोशिश में है तब विश्राम पूर्व शक्कर कारखाने का जिन्न उनके सामने होने से वह परेशान हैं अब जब कि भाजपा हारे हुए उम्मीदवारों को भी टिकट देने के मूड में है ऐसे में यह मामला उन्हें कितना नुकसान देगा यह समय तय करेगा। लेकिन यहां यह भी सच है कि पूर्व मंत्री के द्वारा शक्कर कारखाने के निर्माण के लिए कृषि उपज मंडियों से सात करोड रुपए से अधिक की राशि लेकर भी अब तक इसके निर्माण को चालू नहीं किया जाने पर सामाजिक कार्यकर्ता एवं याचिकाकर्ता बालचंद शिंदे इसे पद के दुरुपयोग के साथ ही भ्रष्टाचार मानते हैं अब मामला उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष है न्यायालय के द्वारा लोकायुक्त को इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं तथा सरकार से इस मामले में जवाब भी मांगा गया है अब ऐसे में लोकायुक्त की जांच और सरकार के जवाब पर भाजपा प्रवक्ता की परेशानियां घट या बढ़ सकती हैं।