बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) पावर लूम और बीड़ी की नगरी बुरहानपुर में क्षय रोग का विशेष विभाग है परंतु इसके मरीजों को भर्ती करने के लिए अलग से कोई भवन नहीं होने से यहां मरीजों की फजीहत हो रही है राजनीतिक शरण लेने के चक्कर में 32 करोड़ की लागत से भव्य अस्पताल भवन में टीबी को लेकर विशेष विभाग तो नहीं है परंतु टीबी के मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार करने की अलग से कोई व्यवस्था इस भव्य भवन में नहीं है पुराने जिला अस्पताल के नए भवन में शिफ्ट होने के साथ ही यह समस्या बनी हुई है अब तक इसी भवन की दूसरी मंजिल पर टीबी के मरीजों को रखकर उपचार किया जा रहा था परंतु अब समय के साथ अन्य मरीजों को आपत्ति होने से क्षय रोग के भर्ती मरीजों की फजीहत हो रही है अस्पताल प्रशासन ऐसे मरीजों को कोरोना काल में बने कोविड वार्ड में भर्ती कर रहा है जबकि क्षय रोग का भवन जिला अस्पताल के मुख्य भवन से दूर होना सैद्धांतिक रूप से उचित है परंतु ऐसा नहीं किया जा रहा पावरलूम और बीडी यहां की मुख्य रोजी-रोटी का साधन है और इसी से यहां क्षय रोग की बीमारी होने से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा क्षय रोग की विशेष यूनिट वर्ष 1982 में स्थापित कर विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति की गई थी तथा पुराने जिला अस्पताल के बाहर अलग-अलग भवन जो महिला मेडिकल वार्ड बढ़कर क्षय रोग के मरीजों को भर्ती किया जाता था लेकिन नए भवन के निर्माण में जिम्मेदारों ने क्षय रोग के मरीजों को भर्ती करने को लेकर ध्यान नहीं दिया जिसके चलते क्षय रोग के मरीज परेशान है पावर लूम और बीडी उद्योग के होने से शहर में क्षय रोग के मरीजों की तेजी से हर वर्ष बढ़ोतरी हो रही है लेकिन उनके उपचार को लेकर प्रशासन और राजनेता दोनों ही उदासीन है जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।