वन अधिकार के दावे विभाग में रद्दी की टोकरी की बन रहे जीनत

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बुरहानपुर (अकील ए आज़ाद) वन अधिकार अधिनियम के तहत जंगल की भूमि पर काबिज़ आदिवासियों को पट्टे देने का अधिकार वन अधिकार अधिनियम में प्रदान किया गया है जिसके तहत आदिवासी पट्टे के दावे विभाग को पेश कर रहे हैं लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी उनके दावों को स्वीकार नहीं कर अमान्य किया जा रहा है ऐसे ही मामले की शिकायत लेकर ग्राम दवाटिया के आदिवासी जन सुनवाई में पहुंचकर पट्टे देने की गुहार जिला कलेक्टर से लगाई है आदिवासी ग्रामीणों का कहना है कि हमारे परिवार दशकों से वन भूमि पर निवास करते आए हैं जिसके चलते उनके द्वारा वन विभाग के समक्ष दावे प्रस्तुत किए गए परंतु आज तक उन्हें पट्टे नहीं मिले हैं जिस से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग इन आदिवासियों के पट्टे के आवेदनों को कचरे की टोकरी की जीनत बनाकर उन्हें परेशान कर रहा है मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में ग्रामीणों ने ऐसे ही आरोप लगाया कि वन विभाग उनके आवेदनों को रद्दी की टोकरी में डाल देता है अगर ऐसा नहीं है तो अनेक बार दावे पेश करने के बाद भी यदि उन्हें पट्टे क्यों नहीं दिए गए दवाटिया के आदिवासी ग्रामीणों का साफ कहना है कि उनके द्वारा कोई नया अतिक्रमण नहीं किया गया है बावजूद इसके उन्हें शासन की योजना के तहत पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं जिससे उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है।

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